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रामसेतु: त्रेतायुग से कलयुग तक, आज भी रहस्य है इसका निर्माण, जानिए 10 रोचक तथ्य!

फ़्लोटिंग पत्थर आज भी रामेश्वरम में बिखरे हुए पाए जाते हैं। इस पर भी वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ ज्वालामुखी चट्टानें पानी में तैरने वाली होती हैं।

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By Anshita Shrivastav | ट्रेवल - 16 November 2020

बॉलीवुड ऐक्टर अक्षय कुमार पिछले कई दिनों से सुर्ख़ियों में हैं। अभी कुछ दिन पहले आई उनकी फ़िल्म लक्ष्मी में लोगों का दिल जीत लिया और व्यूअरशिप के मामले में सुशांत कि दिलबेचारा मूवी का भी रिकोर्ड तोड़ दिया। अब एक बार फिर अक्षय सुर्ख़ियों में हैं। उन्होंने अपनी आगामी फ़िल्म 'रामसेतु' का फ़र्स्ट लुक अपने फ़ैन्स के साथ साझा किया है। जैसे ही फ़िल्म का फ़र्स्ट लुक समाने आया है उसी के साथ ही हमेशा से सुर्ख़ियों में रहने वाला हैरतअंगेज़ सेतु पर चर्चा तेज हो गयी है।

इस सेतु के निर्माण को लेकर अलग-अलग लोगों के अलग मत हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार इस सेतु का निर्माण भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई करने के लिए किया था। उसके अलावा भी कई लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठते हैं जैसे ये पल्क जलसंधि प्राकृतिक है या फिर मानव निर्मित? इस मुद्दे पर कई वर्षों से लगातार बहस जारी है। 

इस सभी चर्चाओं ऐसी बहुत सी बातें सामने आई हैं जो सेतु को लेकर चकित करती हैं। आपको बता दें राम सेतु एक जलमार्ग है जो तमिलनाडु के पंबन द्वीप को श्रीलंका के मन्नार द्वीप से जोड़ता है।वैज्ञानिकों का कहना है कि पल्क स्ट्रेट चूना पत्थर के शोलों से बना हुआ एक प्राकृतिक पुल है। जबकि हिंदू मान्यता इसका कुछ और ही इतिहास कहती है।


1. क्या यह मानव-निर्मित है 

हिंदुओं का मानना है कि इस सेतु का निर्माण भगवान राम द्वारा उनकी वानर सेना की मदद से किया गया था। क्योंकि उनकी धर्मपत्नी सीता जी का अपहरण कर लिया गया था और वह लंका में क़ैद थी इसलिए श्रीलंका जाने के लिए इस पुल का निर्माण किया गया था।


2. वॉकेबल ब्रिज 

कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि यह पुल समुद्र तल से ऊपर हुआ करता था। कुछ ऐतिहासिक रिकॉर्ड के मुताबिक़ यह पुल 15 वीं शताब्दी तक ठीक था इसपर चला जा सकता था। 


3. इतने सारे नाम

राम सेतु को नाला सेतु, एडम ब्रिज, और सेतु बांदा आदि नामों से भी पुकारा जाता है। राम सेतु इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस पुल का निर्माण राम और उनकी सेना द्वारा किया गया था। वहीं नाला सेतु इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह नाला ने जो इस पुल को डिज़ाइन किया था। इसके अलावा एडम ब्रिज का नाम इस्लामिक ग्रंथों से सामने आता है, ऐसा माना जाता है कि इसी जगह एडम गिरा था।


4. पल्क स्ट्रेट साइंटिफिक

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पुल एक प्राकृतिक रूप से बना है जो पंबम द्वीप को मन्नार द्वीप से जोड़ने का काम करता है।


5. जहाजों के बारे में  

 पुल पानी के अंदर स्थित है जिस पर जहाज जाना मुश्किल है। इसलिए, भारत से आने वाले जहाज़ों को श्रीलंका पहुंचने के लिए एक और चक्कर लगाना पड़ता है।


6. रहस्यमय और आश्चर्यजनक समुद्र

विज्ञान के मुताबिक़ यह पुल क़रीब 7000 साल पुराना है।अब इसमें हैरान करने वाली बात ये है कि धनुषकोडि और मन्नार द्वीप के पास स्थित समुद्र तटों पर हुई कार्बन डेटिंग की तारीख़ हाँ समय रामायण की तारीख से मिलता है।


7. सेतु समुद्रम परियोजना 

सेतु समुद्रम परियोजना पल्क जलडमरूमध्य के ऊपर बना हुआ  एक पुल है। 


8. सेतु समुद्रम प्रोजेक्ट 

हिंदुओं का कहना है कि राम सेतु एक पवित्र स्थल है इसलिए इसपर किसी दूसरे मानव निर्मित पुल को नहीं बनाना चाहिए।विज्ञान के दृष्टिकोण से देखा जाए ऐसा करने से लंबे समय से समुद्र में मौजूद प्राकृतिक चीज़ों को भी नुक़सान पहुंच सकता है।


 9. फ्लोटिंग स्टोन्स 

रामायण में ऐसा बताया गया है कि इस सेतु को का फ्लोटिंग पत्थरों से बनाया गया था। सबसे चौकने वाली बात ये है कि इस तरह के फ़्लोटिंग पत्थर आज भी रामेश्वरम में बिखरे हुए पाए जाते हैं। इस पर भी वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ ज्वालामुखी चट्टानें पानी में तैरने वाली होती हैं। 


10. मैन वर्सस नेचुरल

इस पुल के बारे में ऐसा सोचना कि ये पुल मानव निर्मित है यह बहुत ही रोमांचक बात है। इस सेतु की गहराई को देख कर ऐसा कहा जा सकता है कि ये सेतु कभी समुद्र तल से ऊपर हुआ करता होगा। ऐसा भी हो सकता है कि पिछले कई सालों में समुद्र के पानी का स्तर बढ़ा है।

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