कोविड 19 ने आम लोगों से साल 2020 में बहुत कुछ छीन लिया। इसके साथ ही कोरोना के कारण प्रशासन को कई पब्लिक फंक्शन को ही कैंसिल करना पड़ा। जिसके चलते नंवबर माह में दिल्ली के प्रगति मैदान में होने वाले इंटरनेशनल व्यापार मेले को भी कैंसिल करना पड़ा था, अब इसी तरह से अब इंटरनेशनल सूरजकुंड मेले को भी कैंसिल कर दिया गया है। आपको बता दें कि हरियाणा के फरीदाबाद आयोजित किए जाने वाले सूरजकुंड मेले में दुनियाभर के कलाकार शामिल होते थे। जिसमें 15 दिनों तक चलने वाले इस सूरजकुंड मेले में हस्तशिल्पी और तमाम जगहों से आए कलाकार यहां आकर अपनी कला का प्रदर्शन करते थे।
कोविड के चलते पहली बार रद्द हुआ सूरजकुंड मेला
हरियाणा में भारत के सबसे प्रमुख सूरजकुंड मेले को पहली बार रद्द कर दिया गया है। कोविड 19 की आशंकाओं के बीच यह पहली बार हुआ है कि 34 साल बाद इस रंगारंग कार्यक्रम को रद्द किया गया। वही अब धीरे-धीरे कोविड वैक्सीन सबको लगाई जा रही हैं लेकिन अभी भी वायरस का कहर जारी है तोे इसी बात का ध्यान रखते हुए हरियाणा सरकार ने इस बार के शिल्पकारों के मेले को रद्द करने का फैसला किया है।
एक से लेकर 16 फरवरी तक होता है सूरजकुंड मेले का आयोजन
आपको बता दें कि हर साल एक फरवरी से लेकर 16 फरवरी तक सूरजकुंड मेले का आयोजन किया जाता है। जिसको हरियाणा टूरिज्म डिपार्टमेंट और सूरजकुंड मेला मैनेजमेंट मिलकर इस मेले का आयोजन करते हैं। इस मेले को का आयोजन करने का उद्देशय सिर्फ हस्तशिल्प कला को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरुआत की गई थी। यही नहीं सूरजकुंड मेले में हर साल करीब हजारों से ज्यादा की संख्या में शिल्पियों के स्टाल लगते हैं। इसके साथ-साथ देश-विदेश के हजारों कलाकार कल्चरल प्रोग्राम प्रस्तुत करते हैं।
मेले के रद्द होने की वजह से उठाना पड़ रहा है नुकसान
मेला रद्द होने की वजह से हरियाणा सरकार को नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि वे टिकटों की बिक्री, स्टालों और विज्ञापनों से अच्छी कमाई कर रहे हैं। वही सूरजकुंड मेला के नोडल अधिकारी राजेश जून ने बातचीत के दौरान बताया कि वे अन्य संभावनाएं तलाश रहे हैं इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होता है तो टूरिज्म डिपार्टमेंट मेले का आयोजन करेगा।
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