चारधाम यात्रा को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम में ऊपरी सीमा हटा दी है, लेकिन कोर्ट ने साफ कर दिया है कि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और यात्रा के लिए RTPCR रिपोर्ट अनिवार्य होगी. कोर्ट ने सरकार से कहा कि यात्रा के दौरान यात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधाओं की कोई कमी नहीं होनी चाहिए और महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. चीफ जस्टिस कोर्ट ने चारों धामों में मेडिकल इमरजेंसी के लिए हेलिकॉप्टर की व्यवस्था करने को कहा और यात्रियों से इसकी सुविधाओं की पूरी जानकारी देने को कहा. इससे पहले सरकार ने कोर्ट में मांग की थी कि केदारनाथ बद्रीनाथ समेत सभी धामों में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाई जाए.
सरकार ने तिरुपति और सोमनाथ मंदिर के लिए अपने आवेदन का भी हवाला दिया और कहा कि इन मंदिरों में एक दिन में 2800 से अधिक तीर्थयात्रियों की अनुमति है, लेकिन चारधाम में तीर्थयात्रियों की संख्या बहुत कम है. वहीं केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने भी कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि वह जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए जनता को हो रही समस्याओं पर उनका पक्ष सुना जाना चाहिए. अदालत अब मामले की सुनवाई 10 नवंबर को करेगी.
चार धाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार और श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिली है.
सरकार ने अपने आवेदन में तिरुपति का हवाला देते हुए कहा है कि एक जिले में होने वाली यात्रा के लिए 8 हजार की अनुमति दी गई है, लेकिन उत्तराखंड के 4 जिलों में आयोजित होने वाली चारधाम यात्रा में केवल 2800 की अनुमति दी गई है. इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि अब तक एक भी यात्री कोरोना पॉजिटिव नहीं आया है और अब सरकार का इरादा 1 मिनट में 3 यात्रियों की जगह 1 मिनट में 5 यात्रियों को देखने का है.
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