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वक्फ संशोधन बिल पास
राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पारित होते ही योगी सरकार ने वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध रूप से कब्जाई गई जमात संपत्तियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। उत्तर प्रदेश में कई क्षेत्रों और ग्राम समाज की जमीनों पर भी वक्फ बोर्ड ने कब्जा किया हुआ था। इन जमीनों को सरकार ने पूरी तरह से अवैध घोषित कर दिया है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों को वक्फ बोर्ड में शामिल नहीं किया जा सकता। केवल वही संपत्तियां वक्फ बोर्ड में शामिल होंगी जिन्हें किसी व्यक्ति ने स्वयं सामाजिक कार्य के लिए दान दी हो
अवैध संपत्तियों पर कार्यवाही
उत्तर
प्रदेश सरकार ने जिलाधिकारियों को सख्त आदेश दिए हैं कि वे ऐसी अवैध वक्फ
संपत्तियों का मूल्यांकन करें, जो
राजस्व रजिस्टर में दर्ज नहीं हैं और जिन्हें कानूनी नियमों के विपरीत वक्फ घोषित
किया गया है। साथ ही इन संपत्तियों की पहचान कर आगे इन पर जब्ती की कार्यवाई
सुनिश्चित की जाए
देश में कुल वक्फ बार्ड की संपत्ति
देश
में कुल 8.72 लाख वक्फ संपत्तियाँ हैं। इन संपत्तियों में से कई ऐसी जमीनें हैं
जिनका राजस्व रिकॉर्ड में कोई उल्लेख नहीं है। इनमें सुन्नी वक्फ बोर्ड की 1,24,355
संपत्तियाँ और शिया वक्फ बोर्ड की 7,785
संपत्तियाँ शामिल हैं।
वक्फ संशोधन का उद्देश्य
वक्फ
बोर्ड इन जमीनों का उपयोग मस्जिद, कब्रिस्तान, ईदगाह, स्कूल और अन्य उद्देश्यों के लिए करता है। इस संशोधन का मुख्य
उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कार्यों को सुव्यवस्थित करना और संपत्तियों के प्रबंधन एवं
संचालन में मौजूद कमियों को दूर करना है
पहले सरकार वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन नहीं करती थी और ना ही उन पर हस्तक्षेप करती थी। लेकिन वक्फ में संशोधन होने के बाद इन संपत्तियों का पंजीकरण अनिवार्य होगा। वक्फ बोर्ड में अब दो गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल किए जाएंगे, और साथ ही वक्फ बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी भी अनिवार्य होगी। साथ ही अब सरकार भी वक्फ बोर्ड के मामले में हस्क्षेप कर सकती है।
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