Story Content
वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया है। इसके पेश होते ही विपक्ष और पार्टी ने लोकसभा में जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि उन्हें कल यानी 1 अप्रैल को दोपहर के वक्त वक्फ बिल मिला था, जिसकी वजह से उन्हें संशोधन देने का वक्त नहीं मिल पाया।
इस मामले को लेकर लोकसभा में कांग्रेस सांसद के. सी. वेणुगोपाल ने बात रखते हुए कहा, "इस तरह का बिल (वक्फ संशोधन विधेयक) जिसे आप सदन में ला रहे हैं, कम से कम सदस्यों को संशोधन करने का अधिकार तो होना चाहिए। आप कानून को जबरन थोप रहे हैं। आपको संशोधन के लिए समय देना चाहिए. संशोधन के लिए कई प्रावधान हैं।"
कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल के इस बयान का गृह मंत्री अमित शाह ने बेहद ही करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'जो पॉइंट ऑफ ऑर्डर उठाया गया है, मैं उसकी मुख्य बात सदन के सामने रखना चाहता हूं। भारत सरकार की कैबिनेट ने एक बिल को मंजूरी देकर सदन में पेश किया। इसे जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेजा गया, जिसका विपक्ष ने भी आग्रह किया था। कमेटी ने इस बिल पर विचार कर अपनी राय दी। फिर यह राय दोबारा कैबिनेट के पास भेजी गई। कैबिनेट ने JPC के सुझावों को स्वीकार किया और संशोधन के रूप में किरण रिजिजू ने इसे सदन में पेश किया। यह तभी संभव होता है जब कैबिनेट इसकी मंजूरी दे इसलिए मैं नहीं मानता कि इसमें कोई पॉइंट ऑफ ऑर्डर है।
पिछले साल अगस्त में भी पेश किया गया था बिल
इसके अलावा अमित शाह ने आगे कहा कि यह आपका ही आग्रह था कि JPC बनाई जाए। अगर कमेटी कोई बदलाव ही न करे, तो इसका क्या मतलब? हमारी कमेटी कांग्रेस की तरह सिर्फ मुहर लगाने का काम नहीं करती, बल्कि चर्चा करके सही निर्णय लेती है और जरूरी बदलाव करती है।' आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल सरकार ने इस बिल को अगस्त में लोकसभा के सामने रखा था। बाद में सर्वसम्मति से इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास दिया गया था।
Comments
Add a Comment:
No comments available.