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इस वक्त तिरुपति बालाजी में श्रीवारी लड्डू प्रसादम को लेकर विवाद काफी ज्यादा विवाद में है। इस बार मंदिर ट्रस्ट में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि यहां श्रीवारी लड्डू प्रसादम की पवित्रता फिर से बहाल हो गई है। लड्डू के प्रसाद पर उस वक्त रोक लगा दी गई थी, जब लड्डू में जानवरों की चर्बी वाले तेल का इस्तेमाल होने का पता लगा था। यहां पर टीडीपी और बीजेपी इस अपराध के लिए लगातार जगन मोहन रेड्डी सरकार पर हमले कर रही है।
टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने इस बात का दावा किया है। प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मदिरा का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवास्थानम की तरफ से उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाल द्वारा मिलावट को लेकर पुष्टि की गई है। उन्होंने बताया कि घी के नमूने में पशु की चर्बी, लार्ड और मछली के तेल की मौजूदगी का भी दावा किया गया है। नमूने के तारीख नौ जुलाई, 2024 थी और लैब रिपोर्ट 16 जुलाई की थी।
हर दिन करीब 70 हजार श्रद्धालु करते हैं दर्शन
तिरुपति मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय और अमीर धर्मस्थलों में से है। यहां हर दिन करीब 70 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं। इसका प्रशासन तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम (TTD) संभालता है। मंदिर परिसर में बनी 300 साल पुरानी किचन ‘पोटू’ में शुद्ध देसी घी के रोज 3.50 लाख लड्डू बनते हैं। यह मंदिर का मुख्य प्रसाद है, जिसे करीब 200 ब्राह्मण बनाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लड्डू में शुद्ध बेसन, बूंदी, चीनी, काजू और शुद्ध घी होता है। ट्रस्ट ने करीब एक लाख लड्डू राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के वक्त अयोध्या भेजे थे।
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