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उत्तर प्रदेश उपचुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी अब 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कई बार कहा है कि उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन मजबूत रहेगा और चुनाव तक और शक्तिशाली होगा। हालांकि, इस बार सपा और कांग्रेस के रिश्तों में दरार आ सकती है। यह माना जा रहा है कि सपा कांग्रेस को यूपी में अधिक सीटें देने के मूड में नहीं है।
सपा सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में चुनाव हारने के बाद भाजपा के सामने अपनी स्थिति कमजोर महसूस की है। कांग्रेस को लगता है कि वह अकेले चुनाव नहीं जीत सकती, और ऐसे में सपा यूपी में कांग्रेस को कम सीटें देने के पक्ष में है। सपा ज्यादातर सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जबकि सहयोगी दलों को केवल 40-45 सीटें देने का विचार कर रही है।
कांग्रेस को सपा का यह कदम बड़ा झटका दे सकता है। लोकसभा चुनाव में छह सीटों पर जीत के बाद कांग्रेस उत्साहित थी और इस उम्मीद में थी कि वह यूपी में सपा के साथ गठबंधन करके ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन सपा के मन में कुछ और ही चल रहा है। वह गठबंधन को बरकरार रखना चाहती है, लेकिन अधिक सीटें देने के लिए तैयार नहीं है।
इंडिया गठबंधन में पिछले कुछ समय में कई राज्यों में हार का सामना करना पड़ा है, जिससे गठबंधन के भीतर असंतोष भी बढ़ रहा है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, बिहार में आरजेडी और नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसे दलों से विरोध की आवाजें उठी हैं। हालांकि, अखिलेश यादव ने अभी तक खुद को इससे अलग रखा है और उनका दावा है कि गठबंधन भविष्य में और मजबूत होगा।
दूसरी तरफ, कांग्रेस की गठबंधन को लेकर उदासीनता सपा नेताओं को पसंद नहीं आ रही है। सपा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी गठबंधन की बैठकों में भी रुचि नहीं दिखा रही, जिससे समन्वय स्थापित करने में मुश्किलें आ सकती हैं।
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