राजनीति बिल्कुल आसान नहीं है आए दिन इसमें उतार-चढ़ाव और बयानों की गर्मी चलती रहती है। नीतीश कुमार ने भी तेजस्वी यादव को लेकर बड़ी बात कह दी है खबर कुछ ऐसी आ रही है कि सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर से अपना पाला बदलने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक देखा जाए तो रजत और कांग्रेस ने नीतीश का मोह भंग कर दिया है और वह अब बीजेपी में जाने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल सीधे शब्दों में देखा जाए तो बिहार में नीतीश कुमार के कारण सियासी तूफान आ चुका है। सेकंड में यहां की राजनीति विशाल रूप ले लेती है अभी जो अपडेट सामने आ रहा है इसमें राजनीति में पलटी मार माहिर नीतीश कुमार ने अपना पाला मजबूत करने के संकेत दिए है।
पत्रकारों ने पूछा तगड़ा सवाल
मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दे कि नीतीश कुमार एक बार फिर से लाल तेजस्वी को गच्चा देकर भाजपा के संग सरकार बनाने की तैयारी में लगे हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच में डील फाइनल हो चुकी है और इसी बीच सीएम ने तेजस्वी यादव को लेकर बड़ा बयान दे दिया है। यह पूरा मामला तब का है, जब पत्रकार सीएम नीतीश से तेजस्वी यादव के राज भवन हाई टी पार्टी में नहीं आने को लेकर सवाल पूछा तो नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए कहा जो नहीं आए उन्हीं से पूछिए।
फ्रंट फुट राजनीति में रहते हैं नीतीश - जेडीयू एमएलसी
इस समय बिहार में जिस तरह की राजनीति चल रही है इस स्थिति पर जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा है जहां तक असमंजस की बात है तो मैं उसे पर स्पष्ट तौर पर कह रहा हूं कि नीतीश कुमार ना पहले असमंजस में रहते थे और ना आज असमंजस में रहते हैं बल्कि सीधे तौर पर फ्रंट फुट पर राजनीति करते हैं।
राजनीतिक गरमाने में कयासों के दौर में राजद से राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा है। 9 अगस्त 2022 को जब यह गठबंधन बना तब इसकी बुनियाद की ईट लाल यादव नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने रखी थी इस ईद की तासीर थी कि हमें भाजपा की भाई भूख और घृणा वाली राजनीति को विराम देना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी टेलीविजन देख रहे होंगे मुझे यकीन है कि वह शाम तक इसका खंडन कर देंगे।
क्या कहते हैं उपेंद्र कुशवाहा
आपको बता दे की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से एनडीए के साथ आने की चर्चा के बीच ही पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनडीए की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भी अपना बयान दिया है। उन्होंने यह कहा है कि नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़ा कर दिया गया है उन्होंने साफ लब्ज में यह कहा है कि अगर नीतीश कुमार फिर से एनडीए में आते हैं तो क्या गारंटी है कि लोकसभा चुनाव के बाद फिर से उधर नहीं जाएंगे।
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