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ट्रंप के टैरिफ ने नाइकी को दिया बड़ा झटका, शेयरों में आई भारी गिरावट – जानिए पूरी कहानी
भारत में जब भी प्रीमियम क्वालिटी जूतों की बात होती है, तो उसमें Nike (नाइकी) का नाम जरूर लिया जाता है। चाहे एथलीट हों या स्टाइलिश यूथ — नाइकी के जूते उनकी पहली पसंद होते हैं। हालांकि, इसके प्रोडक्ट्स की कीमत आम लोगों की पहुंच से थोड़ी ऊपर होती है, इसलिए ये ब्रांड अमूमन अमीर तबके के बीच ही ज्यादा लोकप्रिय है।
लेकिन अब इस ग्लोबल ब्रांड को एक बड़ा झटका लगा है — और इसका कारण है अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बड़ा फैसला, जिसने नाइकी की नींव को हिला दिया है।
क्या है टैरिफ विवाद?
हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने "लिबरेशन डे" के मौके पर एक अहम घोषणा की — उन्होंने वियतनाम से आयात होने वाले उत्पादों पर 46% का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया। ये फैसला अमेरिका और वियतनाम के बीच चल रही ट्रेड असमानता को कम करने की दिशा में उठाया गया है।
हालांकि, इस कदम का सबसे ज्यादा नुकसान खेल-सामान और फुटवियर सेक्टर को हुआ है — खासकर Nike जैसी कंपनियों को, जिनका एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग बेस वियतनाम में स्थित है।
वियतनाम क्यों है इतना जरूरी?
वियतनाम वैश्विक ब्रांड्स का पसंदीदा मैन्युफैक्चरिंग हब बन चुका है क्योंकि:
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वहां लेबर कॉस्ट कम है
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स्किल्ड वर्कफोर्स आसानी से मिल जाती है
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और ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर भी मजबूत है
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार:
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Nike के 50% जूते और 28% कपड़े वियतनाम में बनते हैं
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Adidas के भी 39% फुटवियर वियतनाम से आते हैं
शेयर मार्केट में हड़कंप
टैरिफ की घोषणा के तुरंत बाद, Nike के शेयरों में गुरुवार को 6.4% की गिरावट दर्ज की गई। यह तब हुआ जब पहले से ही नाइकी को Hoka और On जैसे उभरते ब्रांड्स से कड़ी टक्कर मिल रही थी।
मार्च महीने में ही नाइकी के शेयर 20% तक गिर चुके हैं, जिससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है। कंपनी के CFO मैट फ्रेंड पहले ही आगाह कर चुके थे कि आगामी तिमाही में रेवेन्यू और गिर सकता है।
केवल वियतनाम नहीं, चीन और कंबोडिया भी प्रभावित
ट्रंप के टैरिफ फैसले से सिर्फ वियतनाम ही नहीं, बल्कि:
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चीन (34% टैरिफ)
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और कंबोडिया (49% टैरिफ) जैसे देश भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
इस फैसले से Shenzhou International जैसे नाइकी के चीनी सप्लायर्स के शेयरों में भी 18% तक की गिरावट आई — जो पिछले तीन वर्षों में सबसे बड़ी गिरावट है।
वियतनाम की कूटनीतिक कोशिशें भी बेअसर
वियतनाम को इस टैरिफ से बचने के लिए ट्रंप को मनाने की कई कोशिशें करनी पड़ीं। रिपोर्ट्स के अनुसार, वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने ट्रंप के साथ गोल्फ खेलने की पेशकश तक कर दी। इसके अलावा:
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अमेरिका से आयात पर टैक्स में कटौती की
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और Starlink सर्विसेज को अनुमति भी दी
लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इन पहलुओं को गंभीरता से नहीं लिया, और टैरिफ बरकरार रखा।
एक ओर जहां नाइकी अपने प्रोडक्ट्स को लेकर दुनियाभर में लोकप्रियता बनाए हुए है, वहीं दूसरी ओर जियो-पॉलिटिकल फैसले और नई ब्रांड्स की प्रतिस्पर्धा इसके लिए खतरे की घंटी बन चुकी हैं। ऐसे में आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि नाइकी कैसे अपने मार्केट शेयर को बनाए रखने और नुकसान की भरपाई करने में सफल हो पाती है।
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