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विश्व हिन्दू परिषद के मंच से उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ कई तरह की बातें रखते हुए नजर आएं। उन्होंने कहा कि भारत की सनातन परंपरा का रुप दुनिया इस वक्त देख रही है। यहां का संदेश पूरे दुनिया के लिए दिव्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि याद करिए 1980 के बाद जो भी कुंभ या फिर महाकुंभ का आयोजन हुआ, तब से संतों का संकल्प मूर्त रूप लेता रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "कोई राम मंदिर का पिलर पकड़ कर और कोई जमीन पर आंखों में आंसू लिए भगवान के दर्शन का इंतजार कर रहा था, लेकिन इसके लिए धैर्य जरूरी है।" सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, "सनातन धर्म की तुलना किसी झाड़ी से नहीं हो सकती है। गुरु गोविंद जी महाराज ने इसी धर्म के लिए बलिदान दिया था। गुरु तेजबहादुर जी महाराज ने कश्मीर में सनातन धर्म के लिए अपना बलिदान दिया था।"
वीएचपी ने संकल्प लिया वो पूरा हुआ
सीएम योगी ने आगे अपनी बात में कहा कि विश्व हिंदू परिषद का अभिनंदन इस प्रकार के विराट संत सम्मेलन को अंजाम देने के लिए। 1980 के बाद जब भी कुंभ और महाकुंभ का आयोजन हुआ, उसमें वीएचपी ने जो भी संकल्प लिया, वो संकल्प एक एक करके पूरे हो रहे है। उन्होंने कहा कि पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर बना, राम चंद्र भूमि पर 500 सालों का इंतजार खत्म हुआ। 2016 में कुल दो लाख के आस पास लोग दर्शन करने गए थे और 2024 में तो 15 करोड़ दर्शनार्थी वहां पहुंचे। भारत में वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी बन रही है। गरीब के लिए भोजन की व्यवस्था हो रही है। 4 करोड़ को घर मिल गया है। यही तो राम राज्य है। ना धर्म का भेद है, ना जाति का भेद है, लेकिन संत जो दिशा तय करेंगे यही संदेश दुनिया में जाएगा। उन्होंने कहा कि 13 जनवरी से आज के दिन तक 10 दिन में कुल 10 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।
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