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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस भारत के साथ अपने तनावपूर्ण रिश्तों को सुधारने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बांग्लादेश जानता है कि लंबे समय तक भारत के साथ रिश्तों में खटास बनाए रखना उसके लिए मुश्किल हो सकता है। इसी कारण, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से बैंकॉक में होने वाले बिम्सटेक शिखर सम्मेलन 2025 (BIMSTEC Summit 2025) के दौरान पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच द्विपक्षीय वार्ता आयोजित करने का अनुरोध किया था। हालांकि, भारत सरकार ने अभी तक इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है।
भारत की चुप्पी और मोहम्मद यूनुस की बेचैनी
मोहम्मद यूनुस भारत के साथ बातचीत को प्राथमिकता देते हुए अपनी चीन यात्रा से पहले भारत की द्विपक्षीय यात्रा करना चाहते थे, लेकिन इस अनुरोध पर भी भारत की ओर से कोई जवाब नहीं आया। बांग्लादेश की सरकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि भारत-बांग्लादेश रिश्तों को फिर से मजबूत किया जाए और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़े।
पीएम मोदी का पत्र – एक सकारात्मक संकेत?
हालांकि, इस बीच भारत की ओर से एक अहम कदम सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस पर मोहम्मद यूनुस को पत्र भेजकर शुभकामनाएं दी हैं। इस पत्र में पीएम मोदी ने कहा:
"1971 के मुक्ति संग्राम की भावना भारत और बांग्लादेश के संबंधों के लिए एक मार्गदर्शक बनी हुई है। हमारे द्विपक्षीय रिश्ते विभिन्न क्षेत्रों में लगातार विकसित हो रहे हैं और दोनों देशों के नागरिकों को इससे लाभ मिल रहा है।"
"भारत और बांग्लादेश शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम एक-दूसरे के हितों और चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर इस साझेदारी को आगे बढ़ाएंगे।"
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन और रिश्तों में दरार
बता दें कि 5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में काफी तनाव आ गया था। विरोध प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना भारत चली आईं और मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में पदभार संभाला। इस राजनीतिक अस्थिरता के कारण दोनों देशों के संबंधों में दूरी बढ़ गई।
क्या बिम्सटेक में होगी मोदी-यूनुस की बैठक?
2-4 अप्रैल, 2025 को बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी और मोहम्मद यूनुस दोनों शामिल होंगे। मोहम्मद यूनुस ने भारत के सामने इस दौरान पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की इच्छा प्रकट की है। हालांकि, नई दिल्ली ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद की एक समिति को बताया कि बांग्लादेश के अनुरोध पर विचार किया जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय – भारत क्या करेगा?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक संवाद बेहद जरूरी है, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार, सीमा सुरक्षा और सामरिक साझेदारी जैसे कई अहम मुद्दे जुड़े हुए हैं।
भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए यह एक अहम समय है, क्योंकि क्षेत्रीय स्थिरता और द्विपक्षीय सहयोग इस समय बेहद महत्वपूर्ण हैं। अब देखना यह होगा कि क्या भारत इस अनुरोध को स्वीकार करता है और बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की मुलाकात होती है या नहीं।
आपके विचार क्या हैं? क्या भारत और बांग्लादेश को जल्द से जल्द अपने संबंध सुधारने चाहिए? कमेंट में बताएं!
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