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दिल्ली में उपचुनाव के दौरान हाई कोर्ट ने AAP
सरकार
की आलोचना की है। Comptroller
and Auditor General(CAG) की रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश न करने पर
हाई कोर्ट ने सरकार की नीयत पर शक किया। हाई कोर्ट ने ये आलोचना ऐसे समय
पर की जब CAG की
दो रिपोर्ट लीक हो चुकी थी।
जस्टिस सचिन दत्ता की पीठ ने CAG रिपोर्ट को लेकर सरकार से सवाल किए।
रिपोर्ट की देरी करने पर कोर्ट ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा जिस तरह से आपने
अपने कदम पीछे खींचे हैं उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता हैं। आपको रिपोर्ट
को तुरंत विधानसभा अध्यक्ष को भेजना चाहिए था और सदन में चर्चा शुरु
करनी चाहिए थी।
कोर्ट ने आगे कहा टाइमलाइन एकदम साफ है। आपने
विधानसभा सत्र बुलाने में कदम पीछे खींच लिए। LG के पास रिपोर्ट भेजने और आपकी देरी से
ईमानदारी पर संदेह होता है। अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार को स्पीकर को रिपोर्ट भेजने पर
तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए थी।
इस पर दिल्ली सरकार ने सवाल किया कि चुनाव के वक्त सत्र कैसे हो सकता था।
BJP के
विधायकों ने हाई कोर्ट से CAG
रिपोर्ट कि मांग की थी। हांलकि BJP का
कहना है कि अभी कई सारी CAG
रिपोर्ट्स विधानसभा में वर्षें से लंबित हैँ।
दिल्ली विधानसभा के सचिवालय ने अदालत को पिछली
सुनवाई पर सूचित किया कि CAG
रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश करने से लक्ष्य पूरा नहीं होग क्योंकि कार्यकाल
फरवरी में खत्म हो रहा है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से स्पीकर और अन्य संबंधित
पक्षों पर जवाब मांगा था। दिल्ली सरकार ने कहा कि सभी 14 रिपोर्ट्स को स्पीकर के
पास भेजा जा चुका है।
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