मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, याकुत्स्क में ठंड खत्म होने का कोई संकेत नहीं मिलने से स्थानीय लोगों को आशंका है कि कहीं इसका असर शहर के बुनियादी ऊर्जा ढांचे पर न पड़ जाए. मेट्रो समाचार पत्र को एक निवासी ने बताया, ''पाइप फट रहे हैं, हीटिंग टैंक टूट रहे हैं,
दुनिया का सबसे ठंड शहर याकुत्सक में इन दिनों बर्फ के पहाड़ खड़े हैं. लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. चारों तरफ सन्नााटा है. शहर में के चारो ओर अगर कुछ दिखाई दे रहा है तो वह है सिर्फ सफेद बर्फ. आलम ये है कि अगर पानी भी हवा में फेंका जाता है तो वह भी बर्फ बनकर ही जमीन पर गिरता है. इससे आप सर्दी का अंदाजा लगा सकते हैं. यहां का तापमान माइनस 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है. इस समय साइबेरियाई शहर में स्थितियां असामान्य दिखाई दे रही हैं. तापमान शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया है. यह शहर मॉस्को से 8,425 किमी दूर है.
'सीवर पाइप जम गए'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, याकुत्स्क में ठंड खत्म होने का कोई संकेत नहीं मिलने से स्थानीय लोगों को आशंका है कि कहीं इसका असर शहर के बुनियादी ऊर्जा ढांचे पर न पड़ जाए. मेट्रो समाचार पत्र को एक निवासी ने बताया, ''पाइप फट रहे हैं, हीटिंग टैंक टूट रहे हैं, सबकुछ सख्त तरीके से जम गया है. स्थानीय प्रशासन इन हालात के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था.''
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, एक स्थानीय महिला अनास्तासिया ग्रुजदेवा ने कहा, ''आप इससे (ठंड) लड़ नहीं सकते हैं. आप या तो एडजस्ट करते हैं और इसके अनुसार कपड़े पहनते हैं या कष्ट सहते हैं.''
गठ्ठरभर लोग पहनते हैं कपड़े
बर्फीली धुंध से घिरे शहर में रहने वाली ग्रुजदेवा ने कहा, ''वास्तव में शहर में ठंड नहीं लगती है या यह मान लीजिए कि दिमाग उसके लिए आपको तैयार कर देता है और बता देता है कि सबकुछ सामान्य है.''
बगैर किसी फ्रिज और फ्रीजर के फ्रोजन फिश बिकती है
एक और निवासी नुरगुसुन स्तरोस्तिना ने कहा कि ठंड से निपटने के लिए कोई स्पेशल सीक्रेट नहीं है. स्तरोस्तिना यहां के एक बाजार में बगैर किसी फ्रिज और फ्रीजर के फ्रोजन फिश बेचती हैं. स्तरोस्तिना ने कहा, ''बस गर्म कपड़े पहनिए, परतों में, पत्ता गोभी की तरह!" एक ट्विटर यूजर ने कुछ तस्वीरें साझा करने के साथ ही जानकारी दी है कि याकुत्स्क में तापमान -71 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
माइनस 35 डिग्री तापमान में त्वचा पड़ जाती है सुन्न
आमतौर पर देखा जाता है कि माइनस 20 डिग्री पर नाक के नथुने में बर्फ जमने लगती है और ठंडी हवा के चलते खांसना भी मुश्किल होने लगता है. माइनस 35 डिग्री पर हवा इतनी ठंडी हो जाती है त्वचा सुन्न पड़ जाती, जिससे शीतदंश का लगातार खतरा बना रहता है. माइनस 45 डिग्री पर चश्मा पहनना भी मुश्किल हो जाता है. वह गालों से चिपक जाता है और जब आप उसे हटाने का सोचते हैं तो त्वचा तक बाहर आ जाती है.
लीला नदी के किनारे बसा है शहर
बता दें कि याकुत्स्क लीना नदी के किनारे बसा एक बंदरगाह शहर है. यहां मैमथ संग्रहालय भी है. उत्तरी लोगों के इतिहास और संस्कृति को सहेजे सरकारी संग्रहालय हिम युग के जीवाश्मों का घर है, जिनमें मैमथ और गैंडे शामिल हैं.