जहां एक तरफ सरकार देश के हर नागरिक को वैक्सीन लगवाने के लिए सारे इंतज़ामात कर रही हैं वहीं अब दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के भोपाल की एक युवा विज्ञानी ने तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए कोरोना वायरस की पहचान करने के लिए एक रिस्ट बैंड तैयार किया है.
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मची दहशत से हमारा देश अब तक पूरी तरह नहीं उभर पाया है. कोरोना की दूसरी लहर से मचे उतपात को देखते हुए अब तीसरी लहर से लड़ने के लिए सरकार और वैज्ञानिक पूरी तरह तैयारियों में जुटे हैं. जहां एक तरफ सरकार देश के हर नागरिक को वैक्सीन लगवाने के लिए सारे इंतज़ामात कर रही हैं वहीं अब दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के भोपाल की एक युवा विज्ञानी ने तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए कोरोना वायरस की पहचान करने के लिए एक रिस्ट बैंड तैयार किया है.
ऐसा कहा जा रहा है कि ये बैंड शरीर के किसी भी अंग की सतह पर चिपके कोरोना वायरस की पहचान कर लेगा. वायरस की पहचान करते ही बैंड में लाल एलईडी और अलार्म बजने लगेगा जो लोगों को सचेत करेगा कि उनके शरीर की सतह पर संक्रमण है साथ ही सैनिटइज करने के बाद वायरस ख्तम होते ही अलार्म बंद हो जाएगा.
आपको बता दें यह Innovation बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) के भौतिकी विभाग की सहायक प्राध्यापक एवं युवा विज्ञानी डा. रेनु चोइथरानी ने किया है. डा. चोइथरानी का दावा है कि देश में इस तरह का पहला Innovation है, जिसे पूरा करने में करीब डेढ़ साल का समय लगा है. हमारे देश की युवा वैज्ञानिक की ये एक अच्छी पहल रही है. अगर ये बैंड पूरी तरह अपने मुकाम में कामयाब हो जाता है तो हमारे देश को दोबारा उस दहशत भरे मंज़र से नहीं गुज़रना पड़ेगा।