हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को भगवान शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है.
हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को भगवान शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि न्याय और कर्म के देवता भगवान शनि का जन्म ज्येष्ठ अमावस्या को हुआ था. ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि देव की विशेष पूजा-अर्चना और मंत्रों के जाप से शनि देव प्रसन्न होते हैं. ज्योतिष और धर्म की दृष्टि से शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है.
शनि जयंती का दिन
ऐसा माना जाता है कि भगवान शनि व्यक्ति को किए गए कर्मों के अनुसार फल देते हैं. शनि जयंती के दिन शनि देव की कृपा पाने के लिए बेहद खास माना जाता है. यदि जातक के जीवन में शनि संबंधी दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप हो तो इस शनि जयंती पर पूजा करना उनके लिए विशेष लाभकारी सिद्ध होगा. शनि जयंती पर शनि देव की पूजा, दान और जप करने से सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता है. इस बार शनि जयंती पर भी दुर्लभ संयोग बन रहा है.