दुनिया भर में बढ़ती आत्महत्याओं को रोकने के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से हर साल 10 सितंबर को दुनिया भर में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हर साल करीब आठ लाख लोग आत्महत्या के कारण अपनी जान गंवाते हैं. इनमें से अधिकांश आत्महत्या के मामले 15 से 29 वर्ष के आयु वर्ग में सामने आते हैं. जिसमें आत्महत्या के ज्यादातर मामले अविकसित और विकासशील देशों में देखने को मिलते हैं.
आत्महत्या रोकथाम दिवस
इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) ने वर्ष 2003 में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाना शुरू किया. यह दिन वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ एंड वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन द्वारा प्रायोजित है. विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाने का पहला वर्ष सफल रहा. इस कारण से, वर्ष 2004 में, WHO औपचारिक रूप से इस आयोजन को फिर से सह-प्रायोजित करने के लिए सहमत हो गया.
आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस लोगों में आत्महत्या से बचने और इसे किसी भी तरह से रोकने के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का कारण आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के व्यवहार पर शोध करना, जागरूकता फैलाना और डेटा एकत्र करना है. इस वर्ष यानि 2022 के लिए विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम 'कार्रवाई के माध्यम से आशा पैदा करना' यानी अपने काम से लोगों में आशा पैदा करना रखी गई है. इस दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रम इसी थीम पर आधारित होंगे. इस थीम के जरिए विश्व स्वास्थ्य संगठन यह संदेश देना चाहता है कि आत्महत्या करने की सोच रखने वालों को किसी भी तरह से अपनी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए.