किसी भी महिला के लिए गर्भावस्था वो समय होता है जब वो शारीरिक और मानसिक रुप से कई बदलावों से गुजरती है। ऐसे में आज हम बात करेंगे कि गर्भावस्था में महिलाओं को ऐसी कौन-कौन सी परेशानियां होती है जो उनकी लाइफ के लिए खतरा हो सकती है।
किसी भी महिला के लिए गर्भावस्था वो समय होता है जब वो शारीरिक और मानसिक रुप से कई बदलावों से गुजरती है। वही इस दौरान मिलने वाला प्यार और केयर भला किसे पंसद नहीं होती है। गर्भावस्था का समय हर महिलाओं की लाइफ का बेहद सुखद और यादगार होता है। वही गर्भवती होने के साथ एक औरत का जीवन जहां नई उम्मीदों से भर जाता है। इसके साथ -साथ गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अत्यधिक सतर्क और सावधान रहना पड़ता है यही नहीं गर्भावस्था वो समय है जब एक महिला को सबसे ज्यादा देखभाल और परहेज की जरुरत होती है। इसके साथ ही इस बात से बिल्कुल इंकार नहीं किया जा सकता है कि गर्भावस्था में महिलाएं जो कुछ खाती है उसका सीधा असर उनके होने वाले बच्चे पर पड़ता है लेकिन उस समय के दौरान हर गर्भवती महिलाओं को नियमित रुप से पहले योग एक्सरसाइज की प्रैक्टिस करनी चाहिए और रेगुलर चेकअप के लिए जाना चाहिए ताकि उनके गर्भ में पल रहा बच्चा स्वस्थ रहे।
इसके साथ ही गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह के कॉम्प्लीकेशन्स का सामना करना पड़ता है जो उनकी लाइफ के लिए खतरा पैदा कर सकता है जिसके लिए महिलाओं को अपना ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखने की जरुरत होती है। ऐसे में आज हम बात करेंगे कि गर्भावस्था में महिलाओं को ऐसी कौन-कौन सी परेशानियां होती है जो उनकी लाइफ के लिए खतरा हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होने वाले कॉम्प्लीकेशन्स कुछ इस तरह है-
नकसीर
यह तब होता है जब एक महिला प्रसव के दौरान या बाद में 500 मिलीलीटर से अधिक रक्त खो देती है। यह प्रसव के पहले 24 घंटों या 6 सप्ताह तक हो सकता है। यह एटोनिक गर्भाशय का कारण हो सकता है जिसमें शरीर के अंदर अत्यधिक रक्त बहने से नकसीर की समस्या होती हैं।
प्लेसेंटा के साथ समस्याएं
प्लेसेंटा(गर्भनाल) बच्चे के विकास में प्लेसेंटा एक अहम रोल निभाता है लेकिन कई बार गर्भवती महिलाओं को प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याओं से गुजरना पड़ता है जो कई तरह से उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। प्लेसेंटा की समस्या कई बार रक्तस्त्राव का कारण बन सकती है जो बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
ब्लड क्लॉटिंग
ब्लड क्लॉटिंग भी गर्भावस्था के दौरान की बड़ी समस्याओं में से एक है जो कि आमतौर पर पैरों या फेफड़ों में ज्यादा होती है।
सेप्सिस
सेप्सिस एक तरह का संक्रमण है जो बच्चे के जन्म के पहले या बाद में विकसित हो सकता है। यह संक्रमण गर्भ को नुकसान पहुंचा सकता है और कुछ मामलों में खतरनाक हो सकता है। गर्भवती महिलाओं में सेप्सिस की समस्या बहुत जल्दी हो सकती है जो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकते है।
एमनीओटिक फ्लूइड एम्बोलिस्म
एमनियोटिक द्रव वह तरल होता है जहां पर बच्चा तैरता है। जब अन्य कोशिकाओं के साथ द्रव माँ के रक्तप्रवाह में प्रवेश करता है तो इससे एलर्जी की समस्याएं उत्पन्न होती है जो कभी-कभी माताओं के लिए भी खतरनाक हो सकती है।
प्री-एक्लेमप्सिया
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के हाई ब्लड प्रेशर से प्रोटीनयूरिया (यानि मूत्र में अधिक प्रोटीन की मात्रा) से ये समस्या होती है जिसको प्री-एक्लेमप्सिया कहते है। ये समस्या तब आती है जब मां के गर्भ में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।
by-asna zaidi