इटावा में प्रेम का एक अनोखा उदाहरण देखने को मिला है. यहां शादी के बाद से ही पति और पत्नी एक दूसरे से इतना प्रेम करने लगे कि कभी अलग ही नहीं हुए. विलाप और विरह में पत्नी ने भी उसी स्थान पर अपना प्राण त्याग दिए.
उत्तर प्रदेश के इटावा में प्रेम का एक अनोखा उदाहरण देखने को मिला है. यहां एक दंपति ने शादी के सात फेरे में दिए गए वचन को सही साबित कर दिया. शादी के बाद से पति और पत्नी एक दूसरे से इतना प्रेम करने लगे कि कभी अलग ही नहीं हुए. मगर पति के मृत्यु के बाद पत्नी इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाई. विलाप और विरह में पत्नी ने भी उसी स्थान पर अपना प्राण त्याग दिए. दोनों लोगों का अंतिम संस्कार साथ किया गया.
पिंडदान के बाद त्याग दिए प्राण
मालूम हो की जसवंत नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम खेड़ा धौलपुर के रहने वाले 70 वर्षीय किसान रघुवर दयाल प्रजापति कि शनिवार को हृदयाघात से मृत्यु हो गई. रघुवर दयाल के अंतिम संस्कार की तैयारी होने लगी. परिवार के सभी सदस्य पहुंच गए. तभी उनकी पत्नी 65 वर्षीय विमला देवी भी वियोग में इतना दुखी हो गईं कि पिंडदान के बाद तुरंत ही उन्होंने भी अपने प्राण त्याग दिए. ऐसी स्थिति को देखने वालों ने बताया कि वह हमेशा एक साथ रहते थे. आपस में इतना अत्यधिक प्रेम था कि कभी एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा, कहीं भी गए तो साथ गए.
कभी कहासुनी भी नहीं हुई
मृतक दंपति के बेटे प्रमोद और विनोद ने बताया कि उनके माता-पिता में कभी कहासुनी भी नहीं हुई थी. वे बहुत अधिक प्रेम करते थे. साथ ही रहते थे. उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि एक साथ माता-पिता ने देह त्याग कर दिया है.