Story Content
3 साल बाद भारत के लिए ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का सपना इस बार टोक्यो ओलंपिक 2020 में सच हुआ है. बता दें कि 2008 में अभिनव बिंद्रा के बाद नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता है. भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. वह देश के लिए व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी और पहले एथलीट बन गए हैं. नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर की दूरी के साथ पहला स्थान हासिल किया. 86.67 मीटर के साथ चेक गणराज्य के याकुब वाल्देज दूसरे स्थान पर रहे जबकि उनके ही देश के विटेस्लाव वेसेली को 85.44 मीटर के साथ कांस्य मिला.
बता दें नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव में एक किसान के घर पर हुआ था. शुरुआत में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन खिलाड़ी ने अपनी कड़ी मेहनत का लोहा मनवाया और ना सिर्फ एक शानदार एथलीट बनें, बल्कि सरकारी नौकरी भी हासिल की.
दरअसल, नीरज ने 2016 में पोलैंड में हुए IAAF वर्ल्ड U-20 चैम्पियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड जीता था. इसके बाद उन्हें आर्मी में जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति मिली थी.
अगस्त 2018 में नीरज ने एशियाई खेलों में पुरुषों की भाला फेंक में गोल्ड जीतने के लिए 88.06 मीटर की दूरी फेंकी और अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया. इस टूर्नामेंट में उन्होंने उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक के रूप में कार्यक्रम की शुरुआत की थी.
कहते हैं ना कोई भी सफलता की कहानी असफलताओं और संघर्षों के बिना पूरी नहीं होती है. नीरज के करियर में उस समय अफसफलता आई, जब उन्हें 2019 में कंधे में चोट लगी थी और उसी साल मई में उन्हें सर्जरी करानी पड़ी थी. इसके बाद 6 महीने के लिए वह खेलों से दूर हो गए थे। कोरोना के चलते उन्हें फॉर्म में वापस आने में काफी समय लगा.
हालांकि, नीरज ने कड़ी मेहनत और लगन से एक बार फिर वापसी की और इसी साल मार्च में हुई इंडियन ग्रांड प्रिक्स में 88.07 मीटर का थ्रो कर अपना ही नेशनल रिकॉर्ड तोड़ दिया था. इसके साथ ही टोक्यो के लिए टिकट भी हासिल किया.
Comments
Add a Comment:
No comments available.