आपको बता दे की बाल कृष्ण आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी गई है।
आपको बता दे की बाल कृष्ण आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी गई है। इतना ही नहीं आडवाणी को भारत रत्न मिलने को लेकर परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है। आडवाणी के साथ उनके बेटे और बेटी की तस्वीर भी सामने आई है बेटी प्रतिभा आडवाणी के साथ बेटे जयंत ने भी पिता को भारत रत्न मिलने पर खुशी जाहिर की है। मिली जानकारी के अनुसार पिता बड़े राजनेता है लेकिन फिर भी जयंत आडवाणी ने राजनीति से अलग होकर अपना रास्ता चुना है।
बिजनेसमैन है जयंत आडवाणी
लाल कृष्ण आडवाणी के बेटे जयंत आडवाणी पेशे से बिजनेसमैन है बहुत कम लोगों को इस बात का पता है कि लाल कृष्ण आडवाणी बीजेपी की तरफ से आम चुनाव में पीएम पद के उम्मीदवार भी बने थे तब बेटे जयंत ने उनके लिए चुनाव प्रचार किया था। इतना ही नहीं लाल कृष्ण जी उस समय गुजरात के गांधीनगर से चुनाव मैदान में उतरे थे। इसके अलावा आपको बता दे की जयंत ने गांधीनगर में घर-घर जाकर अपने पिता के लिए वोट मांगे थे पिता के लिए वोट मांगने में केवल बेटे ही नहीं बल्कि उनकी मां कमला आडवाणी, पत्नी गीतिका और छोटी बहन प्रतिभा आडवाणी भी शामिल थे।
पिता नहीं चाहते थे बेटे की राजनीति में एंट्री
आपको बता दे की लाल कृष्ण आडवाणी से एक जुड़ा वाक्य यह सामने आया था कि पिता यह बिल्कुल भी नहीं चाहते थे कि उनका बेटा राजनीति में आए। आडवाणी जी का मानना यह है कि यदि उन्होंने अपने बेटे को राजनीति में उतरा तो उनके ऊपर वंशवाद का आरोप भी लगाया जा सकता है। इससे पहले लाल कृष्ण आडवाणी को यह भी सुझाव दिया गया था कि वह अपने बेटे को गांधीनगर से उम्मीदवार बना दें और खुद नई दिल्ली से चुनाव लड़े, लेकिन हुआ कुछ ऐसा कि आडवाणी ने इस प्रस्ताव को तुरंत ही खारिज कर दिया था। पाठक के आग्रह करने पर भी आडवाणी ने यह जवाब दिया था कि जयंत गांधीनगर से आसानी से जीत सकते हैं लेकिन मैं उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दूंगा इस तरह से आडवाणी ने अपने बेटे की राजनीतिक यात्रा को शुरू होने से पहले ही बंद कर दिया।