मिर्च का इस्तेमाल खाने में बहुत ज्यादा किया जाता है. आप जो भी डिश बनाएं, बिना मिर्च डाले उसका स्वाद नहीं आता. मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन नामक यौगिक भोजन को तीखा और मसालेदार बनाता है।
मिर्च का इस्तेमाल खाने में बहुत ज्यादा किया जाता है। आप जो भी डिश बनाएं, बिना मिर्च डाले उसका स्वाद नहीं आता। मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन नामक यौगिक भोजन को तीखा और मसालेदार बनाता है। इसलिए बिना मिर्च के खाना बेस्वाद लगता है। चाहे सब्जियां हों, दालें हों या कोई भी नॉनवेज डिश, मिर्च का इस्तेमाल हर डिश को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि खाने में डाली जाने वाली हरी मिर्च और लाल मिर्च दोनों में से कौन सी ज्यादा फायदेमंद होती है?
हरी मिर्च में कैप्साइसिन की मात्रा
मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं लेकिन मिर्च का नियमित सेवन सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। हरी मिर्च में कैप्साइसिन की मात्रा लाल मिर्च की तुलना में कम होती है, जो इसे पाचन तंत्र के लिए अधिक उपयुक्त बनाती है। हरी मिर्च में विटामिन सी, विटामिन ए, पोटैशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। कोशिकाओं को नुकसान होने से बचाते हैं।
हरी मिर्च में एंटी-बैक्टीरियल गुण
हरी मिर्च का सेवन पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होता है। हरी मिर्च में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। फाइबर आंतों की गतिशीलता को बढ़ाता है, जिससे कब्ज से राहत मिलती है। इसके अलावा हरी मिर्च में एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं जो पेट की सूजन और संक्रमण को रोकते हैं। इसलिए नियमित रूप से हरी मिर्च का सेवन करने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
रक्त शर्करा को नियंत्रित
हरी मिर्च में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। हरी मिर्च के नियमित सेवन से इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है जिससे रक्त में ग्लूकोज का स्तर कम हो जाता है।