चीन, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय देशों में एक बार फिर से कोविड-19 के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BA2 की वजह से कोरोना के ये मामले बढ़ गए हैं, जिससे कोरोना की चौथी लहर की आशंका बढ़ गई है.
पिछले दो सालों से कोरोना वायरस और इसके अलग-अलग रूपों ने पूरी दुनिया में लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. इस बीच चीन, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय देशों में एक बार फिर से कोविड-19 के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BA2 की वजह से कोरोना के ये मामले बढ़ गए हैं, जिससे कोरोना की चौथी लहर की आशंका बढ़ गई है. हालांकि, भारतीय विशेषज्ञ चौथी लहर को लेकर चिंतित नहीं हैं.
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क्या भारत में आ सकती है कोरोना की चौथी लहर?
बातचीत के दौरान विशेषज्ञ सुभाष सालुंखे ने कहा कि दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 के बीच आई तीसरी लहर में भारत के ज्यादातर लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत हो गई है. भारत के कई राज्यों में टीकाकरण की दर भी तेज है, इसलिए ज्यादा चिंता की कोई बात नहीं है. हालांकि, हमें लापरवाह होने की जरूरत नहीं है क्योंकि चौथी लहर भारत में भी आ सकती है जैसा कि दुनिया के कई देशों में हो रहा है. चौथी लहर के बारे में केवल एक ही बात अज्ञात है कि वह वास्तव में कब आएगी और कितनी गंभीर होगी?
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यह शहर बना ओमिक्रॉन का हॉटस्पॉट
मुंबई भारत में ओमिक्रॉन का हॉटस्पॉट बन गया था. यहां 7 जनवरी को एक ही दिन में ओमिक्रॉन के 20 हजार 971 मामले सामने आए. कोरोना के खिलाफ महाराष्ट्र टास्क फोर्स के सदस्य डॉ शशांक जोशी ने कहा कि जीनोम अनुक्रमण के कारण, हमने तीसरी लहर की शुरुआत में पाया कि Omicron के ba1 और ba2 दोनों उप-प्रकार के मामले बढ़ रहे हैं.