सावन महीने के अलावा प्रदोष व्रत जो भगवान शिव को अति प्रिय होता है यह त्रयोदशी वाले दिन पड़ता है। अगर इस व्रत को विधि विधान से किया जाए तो पुण्य फल की प्राप्ति होती है व्यक्ति कष्टों से मुक्ति पा लेता है।
सावन महीने के अलावा प्रदोष व्रत जो भगवान शिव को अति प्रिय होता है यह त्रयोदशी वाले दिन पड़ता है। अगर इस व्रत को विधि विधान से किया जाए तो पुण्य फल की प्राप्ति होती है व्यक्ति कष्टों से मुक्ति पा लेता है। व्रत को करने के बाद उपासक को भोलेनाथ आशीर्वाद देते हैं सितंबर के महीने में पहला प्रदोष व्रत पढ़ने वाला है। इस व्रत को करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
कब है प्रदोष व्रत
सितंबर के महीने में पढ़ने वाला प्रदोष व्रत रविवार के दिन 15 सितंबर 2024 को पड़ रहा है। यह भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष होता है। इस दिन भोलेनाथ की पूजा की जाती है और उनका पूजा प्रदोष काल में किया जाता है। इस दौरान सुख समृद्धि में वृद्धि होती है अगर आप देवों के देव महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो प्रदोष व्रत की पूजा विधि पूरे विधि विधान से करें।
प्रदोष व्रत के नियम