8 अप्रैल को चैत्र मास की अमावस्या मनाई जाएगी, यह अमावस्या सोमवार को पड़ रही है इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है।
8 अप्रैल को चैत्र मास की अमावस्या मनाई जाएगी, यह अमावस्या सोमवार को पड़ रही है इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। गरुड़ पुराण में भी यह बताया गया है कि, सोमवती अमावस्या की तिथि पर पितरों का तर्पण करना शुभ माना जाता है। यदि आप इस दिन पितरों को तर्पण देते हैं, तो पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है।
8 अप्रैल को पहली सोमवती अमावस्या
पंचांग के अनुसार देखा जाए तो सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल 2024 को पड़ रहा है। इसका शुभ मुहूर्त 3:11 पर शुरू होगा और रात को 11:50 बजे समाप्त हो जाएगा। इतना ही नहीं उदया तिथि के कारण सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को मनाई जाएगी। सोमवार के दिन अमावस्या तिथि पड़ने से सोमवती अमावस्या का नाम दिया गया है। स्थिति पर दुर्लभ इंद्र योग बन रहा है। ऐसे में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, इससे जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
सोमवती अमावस्या का महत्व
हिंदू धर्म में इस अमावस्या का विशेष महत्व होता है, इस दिन व्रत पूजन और पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है। महिलाएं इस दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है। यदि आप लंबे समय से पितृ दोष से पीड़ित है, तो यह समस्या का निवारण करती है। इस दिन दान-पुण्य और तीर्थ स्नान करने का विशेष महत्व है। इस तरह से नकारात्मक विचार दूर हो जाते हैं और इस दिन मंदिरों में पूजा-पाठ करना शुभ माना जाता है।
अमावस्या के दिन पूजा विधि
दोपहर में 12:00 बजे के करीब गाय के गोबर से बने हुए कंडे जलाएं। इसके बाद जलने वाले अंगारों पर गुड़ और घी डाल लीजिए। इसके बाद अपने पितरों का ध्यान कीजिए और अपनी हथेली में जल लेने के बाद पितरों को अर्घ अर्पित करें। अमावस्या के दिन शिव मंदिर में जाकर दीपक जलाएं और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।