पंचांग के अनुसार यदि देखा जाए तो फरवरी महीने में आने वाली पूर्णिमा माघ पूर्णिमा होती है इसका विशेष महत्व भी होता है। इतना ही नहीं इस दिन लोग भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं।
पंचांग के अनुसार यदि देखा जाए तो फरवरी महीने में आने वाली पूर्णिमा माघ पूर्णिमा होती है इसका विशेष महत्व भी होता है। इतना ही नहीं इस दिन लोग भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं। यह भी माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि का वास रहता है। इसके अलावा माघ पूर्णिमा को चंद्रमा को अर्घ देने देने का बेहद महत्व है तो चलिए जानते हैं किस दिन है माघ पूर्णिमा क्या है तिथि और पूजा की विधि।
कब है माघ पूर्णिमा
आपको बता दे कि माघ पूर्णिमा शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि 23 फरवरी को दोपहर 3:33 से शुरू हो रहा है और 24 फरवरी को शाम 5:59 तक रहेगा। वही 24 फरवरी को पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा और इसी दिन माघ स्नान और दान भी किया जाता है।
शुभ मुहूर्त और महत्व
आपको बता दे कि माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त में पड़ रहा है सुबह 4:55 से 5:46 तक इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त देखा जाए तो यह सुबह 11:57 से 12:43 तक है। विजय मुहूर्त में दोपहर 2:14 से 3:00 बजे तक। गोधूलि मुहूर्त में शाम 6:01 से 6:27 तक। संध्या मुहूर्त में शाम 6:04 से 7:19 तक वही अमृत काल मुहूर्त में देखा जाए तो 7:39 से 9:27 तक
माघ पूर्णिमा की पूजा विधि
माघ पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी नारायण की विधि-विधान से पूजा की जाती है। भगवान विष्णु को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाए जाते हैं, जबकि देवी लक्ष्मी को गुलाबी रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाने चाहिए। माघ पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण कथा का पाठ करना बहुत फलदायी होता है। इस दिन सुबह उठकर नदी में स्नान करना चाहिए और दान करना चाहिए। इस मान्यता के अनुसार घर में सदैव सुख-समृद्धि का वास रहता है।