राम मंदिर के लिए विश्व हिंदू परिषद का मेगा प्लान क्या है? ऐसा क्या करेगी वीएचपी की लग जाएगी भव्य योजना में चार चांद? 22 जनवरी को होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विहिप की क्या भूमिका है? आपने दुनिया के हर कोने से भारत को जोड़ने की योजना कैसे बनाई?
राम मंदिर के लिए विश्व हिंदू परिषद का मेगा प्लान क्या है? ऐसा क्या करेगी वीएचपी की लग जाएगी भव्य योजना में चार चांद? 22 जनवरी को होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विहिप की क्या भूमिका है? आपने दुनिया के हर कोने से भारत को जोड़ने की योजना कैसे बनाई?
सिर्फ भारत में नहीं बल्कि दुनिया के कई देश 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहे हैं राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी बीच विश्व हिंदू परिषद ने बताया है अपना मेगा प्लान।
विश्व में रामलला का स्वागत!
जी हां, वीएचपी ने ये घोषना की है कि राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 56 देशों के 10 करोड़ परिवारों को न्योता भेजा जाएगा। संस्था ने सब से अपने-अपने घरों के पास मंदिरों में आकर इस इवेंट को लाइवस्ट्रीम करने के लिए अपील की है। बतायें चलें कि राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास को भी झंडे या राम लला की नई पोशाक दी गयी। प्राण प्रतिष्ठा के बाद इन्हीं पोषाकों को राम लला पहचानेंगे। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार के इस बयान के बाद उनकी इस धार्मिक मुहिम को लोगों का प्यार या प्रशंसा मिली। कहने की जरूरत नहीं है कि ये भारत के साथ दुनिया के अहम रिश्ते को दर्शाता है।
विहिप ने क्या बोला?
संस्था के इस कदम पर विहिप नेता आलोक कुमार बोले, “प्राण प्रतिष्ठा समारोह केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि एक सामूहिक भागीदारी है। इसलिए जब लोग एकजुट होकर आस-पास के मंदिरों में इकट्ठ होते हैं, आरती देखते हैं या उसमें भाग लेते हैं, तब पूरी दुनिया को ये संदेश जाता है कि हिंदू समुदाय अब अपने वैश्य हिंदू परिवार की तरफ जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार है।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक ये आंकड़े बहुत अच्छे हैं। ऐसे समय में जब राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का हर तरफ शोर है, तब इस तरह की मुहिम भारत को एक अंतरराष्ट्रीय स्टार पर उभारने में मदद करेगी। विपक्षी दलों के विरोध या विवाद बयानों के बीच इस तरह की खबरें मानो कड़कड़ाती ठंड में राहत की गर्माहट देती हैं। 22 जनवरी को ये कार्यक्रम भले ही अयोध्या में हो, लेकिन श्री राम की जय-जयकार या इसकी गूंज तो दुनिया भर में छाने वाले हैं।