श्री राधाकृष्ण की लीला भूमि वृंदावन में यमुनातट पर आयोजित कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक में ब्रज की संस्कृति के रंग भी बिखर रहे हैं। यही नहीं 2 मार्च को कुंभ बैठक के सांस्कृतिक पंडाल में कलाकारों ने ब्रज के चरकुला डांस करके पूरा समां बांध दिया।
श्री राधाकृष्ण की लीला भूमि यमुनातट पर आयोजित कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक में अध्यात्म के साथ ब्रज की संस्कृति के रंग भी बिखर रहे हैं। वही कुंभ मेला स्थल में एंट्री करते ही श्रद्धालुओं के पैर आयोजनों की ओर खिंचे चले आ रहे है। यही नहीं 2 मार्च को कुंभ की बैठक के सांस्कृतिक पंडाल में कलाकारों ने पूरी शाम ब्रज के चरकुला में नृत्य किया। इस अवसर पर संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिशासी कमलेश कुमार पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी अंचलों के सांस्कृतिक कार्यक्रम वहां की कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सदैव सतत प्रयत्नशील है। इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि वृंदावन के इस कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक के सांस्कृतिक पंडाल पर प्रदेशभर से आमंत्रित कलाकारों को और उनके द्वारा प्रदेश के विभिन्न सांस्कृतिक विधा को संरक्षित करने की दिशा में प्रदेश सरकार लगातार प्रयास करने में जुटी हुई हैं।
इस अवसर पर समाजसेवी देवेंद्र शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद एवं पर्यटन विभाग के द्वारा ब्रज के कलाकारों को बढ़ावा एवं प्रोत्साहन देने का काम किया जा रहा है। वही आज के सत्र में सबसे पहले गाजीपुर से आए श्याम देव प्रजापति के ग्रुप द्वारा बिरहा लोक गायन प्रस्तुत किया गया जिसमें कलाकारों ने सुंदर- सुंदर गीत गाए।
इसके बाद अयोध्या से आए कलाकार मुकेश कुमार ने फरवाही लोक नृत्य प्रस्तुत करके अयोध्या के आंचलिक लोक संस्कृति को दर्शकों तक पहुंचा कर खूब तारीफे बटोरी। कुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश के साथ ब्राह्मण सेवा संघ के खालसा में भागवत कथाएं सुबह से शाम तक संतों के प्रवचनों के साथ हुई हैं। यहां बनी देवताओं की मूर्तियां लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।