मणिपुर में आज फिर जातीय हिंसा भड़क उठी. यहां इंटरनेट सेवा पर से प्रतिबंध हटते ही दंगे शुरू हो गए.
मणिपुर में आज फिर जातीय हिंसा भड़क उठी. यहां इंटरनेट सेवा पर से प्रतिबंध हटते ही दंगे शुरू हो गए. इसमें 13 लोगों की जान जा चुकी है. आपको बता दें कि मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच मई से ही हिंसक झड़पें हो रही हैं. आज की घटना टेंग्नौपाल जिले के साइबोल में हुई. यहां लेटिथु नामक गांव में बंद इंटरनेट सेवा बहाल होने पर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई. राज्य के हिंसा प्रभावित जिलों में पिछले सात महीने से इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगा हुआ है.
इंटरनेट सेवा पर बवाल
स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि मारे गए लोगों की पहचान नहीं हो पा रही है. बरामद 13 शवों के लिए अभी तक किसी भी परिवार ने कोई दावा पेश नहीं किया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि मारे गए लोग लेटिथु गांव के रहने वाले नहीं थे. रोजगार की तलाश में राज्य के अन्य हिस्सों से यहां आए थे. खबरों में बताया गया है कि हिंसक झड़प की जगह सुरक्षा बलों के कैंप से महज दस किलोमीटर दूर है. सुरक्षा बलों को एक ही इलाके में कुछ दूरी पर अलग-अलग जगहों पर 13 लोगों के शव मिले हैं.
साल मई से हिंसक झड़पें
आपको बता दें कि मणिपुर में आदिवासी सुविधाओं और अधिकारों की मांग को लेकर इस साल मई से हिंसक झड़पें हो रही हैं. राज्य के मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसक झड़पें हो रही हैं. इसमें अब तक करीब दो सौ लोगों की जान जा चुकी है. वहीं, पांच हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं. राज्य में 3 मई से इंटरनेट सेवा बंद थी. इससे पहले 23 सितंबर को इंटरनेट सेवाओं पर से प्रतिबंध हटा लिया गया था. इस दौरान दंगे भी हुए. इसके बाद एक बार फिर इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई.