Uttarakhand Tunnel Rescue: उत्तरकाशी के टनल रेस्क्यू मिशन में डीआरडीओ ने ली एंट्री, अटक सकता है प्लान

उत्तरकाशी सुरंग बचाव के संबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने सोमवार को कहा कि डीआरडीओ ने 20 किलोग्राम और 50 किलोग्राम वजन वाले 2 रोबोट भेजे हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर
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उत्तरकाशी सुरंग बचाव के संबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने सोमवार को कहा कि डीआरडीओ ने 20 किलोग्राम और 50 किलोग्राम वजन वाले 2 रोबोट भेजे हैं. ये रोबोट जमीन पर चलते हैं और यहां जमीन रेत की तरह काम कर रही है, हमें डर है कि रोबोट वहां चल पाएंगे या नहीं. उन्होंने कहा कि रोबोट को लेकर चलाए जा रहे अभियान से मदद मिलेगी या नहीं; इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है.

मशीनरी का इंतजार 

एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशू मनीष ने कहा कि सुरंग में राहत कार्य के लिए बहुत सारी मशीनरी सड़क मार्ग से आ रही है। सभी एजेंसियां ​​यहां मोर्चे पर जुट गई हैं और एक-दो दिन में भारी मशीनें यहां पहुंच जाएंगी. उन्होंने कहा कि बीआरओ इस छोर और बड़कोट छोर पर जहां भी जरूरत है वहां सड़कें बना रहा है; दोनों तरफ सड़कें बनकर तैयार हैं. अब हम मशीनरी का इंतजार कर रहे हैं. मशीनें बहुत भारी हैं, उन्हें हवाई मार्ग से नहीं ले जाया जा सकता.

फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए एक साथ पांच योजनाओं पर काम करने का निर्णय लिया गया. इन पांच योजनाओं में सिल्क्यारा और बरकोट के दोनों किनारों के एक छोर से दूसरे छोर तक ड्रिलिंग, फिर ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग और वर्टिकल ड्रिलिंग शामिल है. अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है. पाइप के जरिए उन तक ऑक्सीजन, बिजली, दवाइयां और पानी भी लगातार पहुंचाया जा रहा है. चारधाम परियोजना के तहत यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग का एक हिस्सा सिलक्यारा की ओर मुहाने से 270 मीटर अंदर ढह गया था, जिसके कारण इसमें फंसे 40 श्रमिकों को बचाने की कोशिश की जा रही है.


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