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उत्तराखंड की सरकार में काफी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। गढ़वाल से बीजेपी सांसद तीरथ सिंह रावत अब सीएम के तौर पर उत्तराखंड को संभालने वाले हैं। इस बात का फैसला आज बीजेपी के विधायक मंडल की बैठक में लिया गया। वही, मंगलवार के दिन अंदरुनी कलह के चलते त्रिवेंद सिंह रावत ने सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में जो लोग ज्यादा तीरथ सिंह रावत के बारे में नहीं जानते हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि कैसे रहा है उनका राजनीति का सफर।
ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि कौन है तीरथ सिंह रावत?
- फरवरी 2013 से लेकर दिसंबर 2015 तक वो उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनकर रहे थे।
- इस समय वो बीजेपी राष्ट्रीय सचिव के साथ-साथ गढ़वाल लोकसभा से सांसद रह चुके हैं।
- 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी तक बनाया गया था।
- 2000 में नए गठित उत्तराखंड के वो पहले शिक्षा मंत्री बने थे।
- 2007 में बीजेपी उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री तक वो चुन गए थे।
- उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष का पद संभालते हुए नजर आए हैं।
- चौबटाखाला विधानसभा से विधायक के तौर पर 2012 में निर्वाचित हुए और साल 2013 में उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बने थे।
ये तमाम बातें भी है उनकी बेहद खास
- वह राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रचारक 1938 से लेकर 1988 तक थे।
- वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री तक रहे चुके हैं।
- इसके साथ ही तीरथ सिंह रावत ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र जब थे तब से कर दी थी।
- इसका बेहतरीन उदाहरण है कि वो हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्च में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे हैं।
- 1997 में यूपी विधान परिषद् के सदस्य वो निर्वाचित हुए और विधान परिषद मे विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष भी बनाए गए थे।
- उन्होंने पौड़ी सीट से भारी मतों के साथ लोकसभा का चुनाव जीता था।
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