चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट में खुशी की लहर है. वहीं उद्धव गुट में इस फैसले को लेकर नाराजगी है. आयोग के फैसले के बाद उद्धव गुट ने अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है.
चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट में खुशी की लहर है. वहीं उद्धव गुट में इस फैसले को लेकर नाराजगी है. आयोग के फैसले के बाद उद्धव गुट ने अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है. इस मुद्दे पर उद्धव पार्टी के सांसदों और विधायकों से मुलाकात करेंगे. उद्धव चुनाव आयोग के फैसले पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि ये अन्याय है, देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है, ऐसा एलान प्रधानमंत्री कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा. देश में प्रजातंत्र नहीं रहा. उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है...सभी उनके गुलाम हैं.
सुप्रीम कोर्ट आखिरी उम्मीद है: उद्धव
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि आप कहते हैं कि कांग्रेस ने भी देश में सरकार गिराई थी, इसलिए तो आपको लाया था अब आप भी यही कर रहे हैं. इंदिरा गांधी में इमरजेंसी लगाने की हिम्मत थी, आपमें हिम्मत नहीं है. हम फैसले को चुनौती देंगे. सुप्रीम कोर्ट हमारी आखिरी उम्मीद है.
कोई भी पूंजीपति, विधायक, सांसद खरीद सकता
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने कहा था कि चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले फैसला नहीं देना चाहिए. यदि विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर पार्टी का अस्तित्व तय किया जाता है, तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है. हम निश्चित तौर पर चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश को रद्द कर देगा और 16 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.
देश में लोकतंत्र नहीं बचा है: संजय राउत
वहीं चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि देश में लोकतंत्र बचा ही नहीं है. सब ग़ुलाम बनकर बैठे हैं, ये लोकतंत्र की हत्या है. इस सरकार ने करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाया है वो पानी कहां तक पहुंचा है ये दिख रहा है. हमें फिक्र करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि जनता हमारे साथ है. हम नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर एक बार यही शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे.
क्या है चुनाव आयोग का फैसला
बता दें कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को झटका देते हुए शिवसेना की सियासी लड़ाई को विराम दे दिया है. पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर फैसला देते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि 'शिवसेना' और 'धनुष बाण' दोनों एकनाथ शिंदे के पास रहेगा. यानी एकनाथ शिंदे की सेना ही असली शिवसेना है. चुनाव आयोग के आदेश के बाद शिवसेना तो एकनाथ शिंदे के पास आ गई है.