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दांतों की सफाई खराब दांत और मसूड़ों से जुड़ी ही बीमारियों से बचाती है, बल्कि ये आपके दिल की स्थिति को भी ठीक रखती है. तमाम तरह की रेस्पिरेटरी डिसीज से भी बचाव हो जाता है. एक नई स्टडी में इसे लेकर चौंकाने वाले दावे किए गए हैं. यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, दांतों की सफाई और एट्रियल फ्राइब्रिलेशन और हार्ट फेलियर के बीच संबंध देखा गया है. रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया कि हमारा शरीर बैक्टीरिया के लिए एक एंट्री प्वॉइंट होता है. इससे अच्छे और बुरे दोनों तरह के बैक्टीरिया प्रवेश करते हैं, लेकिन कुछ बेहद जानलेवा इंफेक्शन की बन सकते हैं.
इसके अलावा इन सबके अलावा अवाना हेल्थकेयर की सह संस्थापक डॉ. शिल्पी बहल के मुताबिक , 'आपकी ओरल हेल्थ कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकती है. यहां तक कि आप एंडोकार्डाइटिस का भी शिकार हो सकते हैं. यह एक प्रकार का इंफेक्शन है जो आपके हार्ट चैंबर की इनर लाइनिंग में होता है. मुख मार्ग से शरीर में फैलने वाले बैक्टीरिया जब ब्लडस्ट्रीम के जरिए इंसान के हृदय तक पहुंच जाते हैं तब लोग एंडोकार्डाइटिस का शिकार होते हैं.'
दातों की सफाई में लापरवाही पैदा कर सकती है परेशानियां
एक्सपर्ट की माने तो दांतों की सफाई में लापरवाही मसूडों से जुड़ी बीमारी और खतरनाक पीरियोडोंटाइटिस का कारण बन सकती है. आगे चलकर यह बीमारी हार्ट की परेशानी, रक्त धमनियों में दिक्कत और स्ट्रोक की समस्या को भी ट्रिगर कर सकती है. खराब ओरल हेल्थ और प्रीमैच्योर बर्थ और लो बर्थ वेट के बीच भी संबंध देखा गया है.
दांतों को लेकर ध्यान रखें ये बातें
जो लोग दिन में दो बार ब्रश करते हैं उन्हें परेशानियां नहीं होती है. ब्रश या फिर फ्लॉस के बाद भी यदि आपके मुंह में फूड पार्टिक्लस बचे रह जाते हैं तो उनके लिए आप माउथवॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में आप अपनी हेल्दी डाइट का ख्याल रखें. साथ ही ज्यादा शुगर वाले फूड या ड्रिंक्स का सेवन करने से आप बचें. हर तीन से चार महीने में अपना टूथब्रश बदलें. साथ ही दांतों की सफाई के लिए आप डेंटिस्ट के पास जाकर नियमित जांच कराएं.
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