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Tulsidas Jayanti 2021 : इस दिन है ‘तुलसीदास जयंती’, जानिए इसका शुभ मुहूर्त, महत्व और भी बहुत कुछ

इस महान कवि को सम्मानित करने के लिए हर साल सावन के महीने में कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जयंती मनाई जाती है.

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By Mrigendra | खबरें - 15 August 2021

तुलसीदास हिंदी, भारतीय और विश्व साहित्य में एक प्रसिद्ध हिंदू संत और कवि थे. उन्हें संस्कृत और अवधी में कला, संस्कृति और समाज पर उनके कार्यों के लिए जाना जाता है. भगवान राम के एक उत्साही अनुयायी को भगवान राम के जीवन पर आधारित रामचरितमानस लिखने के लिए जाना जाता है. वो वाल्मीकि द्वारा लिखित रामलीला नाटक, रामायण का लोक-नाट्य रूपांतरण शुरू करने वाले पहले व्यक्ति थे.


इस महान कवि को सम्मानित करने के लिए हर साल सावन के महीने में कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष ये शुभ दिन 15 अगस्त 2021 को मनाया जाएगा.

तुलसीदास जयंती 2021 : तिथि और शुभ मुहूर्त


दिनांक : 15 अगस्त, रविवार


सप्तमी तिथि शुरू : 14 अगस्त 2021 को सुबह 11:50 बजे


सप्तमी तिथि समाप्त : 15 अगस्त 2021 को सुबह 09:51 बजे


तुलसीदास जयंती 2021 : महत्व


तुलसीदास महानतम और ज्ञानी कवियों में से एक थे, जिनकी रचनाएं पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार, तुलसीदास को ऋषि वाल्मीकि का अवतार कहा जाता है, जिन्होंने रामायण की रचना की थी. इस दिन को मनाने के लिए, हर साल तुलसीदास की शिक्षाओं पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, हालांकि, COVID-19 महामारी के कारण, इसे वस्तुतः मनाया जाएगा.


तुलसीदास जयंती 2021 : उद्धरण


“अभिमान को त्यागें, जो तमस-गुण (अंधेरे) के समान है, जो अज्ञान में निहित है और काफी दर्द का स्रोत है, और भगवान श्री राम, रघु के प्रमुख और करुणा के सागर की पूजा करें.”


“किसी प्राणी के लिए न तो सुख हो सकता है और न ही उसका मन स्वप्न में भी शांति को जान सकता है, जब तक कि वो इच्छा, जो दु:ख का धाम है, का परित्याग न कर दे.”


“काम, क्रोध, घमंड और लोभ ये सब नर्क की ओर ले जाने वाले मार्ग हैं. घृणा करते हुए, ये सभी रघु के वंश के नायक की पूजा करते हैं, जिनकी संत पूजा करते हैं.”


“जब एक मंत्री, एक चिकित्सक और एक धार्मिक गुरु, ये तीनों भय या पुरस्कार की आशा से मनभावन शब्दों का प्रयोग करते हैं, परिणाम ये होता है कि प्रभुत्व, स्वास्थ्य और विश्वास तीनों तुरंत विनाश की ओर अग्रसर होते हैं.


“बाजार से गुजरने वाला हाथी हमेशा शाप से घिरा रहता है, लेकिन वो परवाह नहीं करता है और सीधे अपने गंतव्य पर चला जाता है. इसलिए हमेशा जब कोई महान आत्मा प्रकट होती है तो उसके पीछे भौंकने के लिए संख्याएं होती हैं.”


“दूसरों की भलाई के बराबर कोई पुण्य नहीं है और दूसरों को चोट पहुंचाने से बड़ा कोई दोष नहीं है.”


“उस आदमी का चेहरा भी देखना पाप है जो अपने दोस्त के दर्द को महसूस नहीं करता है. अपने खुद के पहाड़ की तरह दर्द को एक कण के रूप में समझें. अपने दोस्त के दर्द को पहाड़ की तरह समझें.”

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