Har Ghar Tiranga: 116 सालों में छह बार बदले गए राष्ट्रीय ध्वज, जानिए झंडे की कहानी

15 अगस्त 2022 को देश की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर पिछले एक साल यानि 15 अगस्त 2021 से पूरे भारत में अमृत उत्सव मनाया जा रहा है.

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15 अगस्त 2022 को देश की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर पिछले एक साल यानि 15 अगस्त 2021 से पूरे भारत में अमृत उत्सव मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के तहत हर घर में तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है. गांव-गांव, शहर-नगर के लोगों से अपने घरों और प्रतिष्ठानों पर तिरंगा फहराने की अपील की गई है. लेकिन इस तिरंगे के पीछे की कहानी बहुत लंबी है. पिछले 116 साल में देश का झंडा छह बार बदला गया है.

1. जैसे-जैसे भारत का स्वतंत्रता संग्राम तेज हो रहा था, क्रांतिकारी दल स्वतंत्र राष्ट्र की पहचान को अपने स्तर पर अलग करने के लिए अपने स्वयं के झंडे का प्रस्ताव दे रहे थे. देश का पहला प्रस्तावित झंडा 1906 में दिखाई दिया.
2. 1907 में देश का दूसरा नया झंडा प्रस्तावित किए गए पहले झंडे को मिले एक साल ही हुआ होगा. सबसे पहले, मैडम भीकाजिकामा और उनके कुछ निर्वासित क्रांतिकारी साथियों ने पहले झंडे में कुछ संशोधनों के साथ मिलकर नया झंडा फहराया. यह झंडा दिखने में भी पिछले वाले जैसा ही था.
3. लगभग एक दशक ही हुआ था कि 1917 में देश के लिए एक और नया झंडा प्रस्तावित किया गया था. इस नए झंडे को डॉ एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने फहराया था. तीसरी बार प्रस्तावित नए झंडे में पांच लाल और चार हरी धारियां थीं. ध्वज के अंत में काले रंग में त्रिकोणीय आकार था. वहीं, बाएं कोने में यूनियन जैक भी था.
4. लगभग चार साल हो गए होंगे कि 1921 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र के दौरान, बेजवाड़ा में आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति ने महात्मा गांधी को हरे और लाल रंगों से बना एक झंडा भेंट किया. गांधीजी को यह पसंद आया और उन्होंने इसमें कुछ बदलाव किए. उन्होंने इसमें एक और सफेद पट्टी जोड़ दी.
5. स्वतंत्र भारत की पहचान के लिए 1931 में प्रस्तावित ध्वज को एक बार फिर बदल दिया गया. नए प्रस्तावित झंडे में सबसे ऊपर केसरिया रंग, बीच में सफेद और अंत में हरा था. इसमें बीच में सफेद पट्टी में छोटे आकार में पूरे चरखा को भी दिखाया गया था. सफेद पट्टी में चरखा राष्ट्र की प्रगति का प्रतीक कहा जाता था.
6. तमाम कोशिशों के बाद 1947 में जब देश आखिरकार आजाद हुआ तो देश को तिरंगा झंडा मिल गया. 1931 में बने ध्वज को 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा की एक बैठक में स्वतंत्र भारत के नए राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था, जिसमें एक परिवर्तन किया गया था. इस ध्वज में चरखे की जगह मौर्य सम्राट अशोक के धर्म चक्र को गहरे नीले रंग में दिखाया गया है.

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