हिंदू धर्म में श्राद्ध को लेकर एक अलग ही आस्था होती है। पितृपक्ष के दौरान व्यक्ति अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
हिंदू धर्म में श्राद्ध को लेकर एक अलग ही आस्था होती है। पितृपक्ष के दौरान व्यक्ति अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दौरान श्राद्ध से जुड़े कामकाज किए जाते हैं जिसमें तर्पण, पिंडदान और दान किया जाता है। इतना ही नहीं इन दोनों पितरों की आत्मा को मुक्ति दिलाने के लिए तीर्थ स्थलों पर भी श्राद्ध किया जाता है। अगर आप चाहे तो पितृपक्ष में काशी, हरिद्वार, ऋषिकेश, प्रयागराज आदि पवित्र स्थलों पर श्राद्ध करने जा सकते हैं। इसके अलावा घर पर किस तरह से श्राद्ध किया जाए इसके बारे में जान लीजिए।
घर पर इस तरह करें श्रद्धा
जब आप घर पर श्राद्ध कर रहे हैं तो पितरों के कामकाज में तर्पण जरूर करें। पितृपक्ष में मृत्यु की तिथि जानकर ही आप पितरों को श्रद्धा दे सकते हैं। अगर आपको पितरों की मृत्यु तिथि याद नहीं है तो आप पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर सकते हैं।
क्या है श्रद्धा के नियम