केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्ष सड़क पर सिर फोड़ता है और सदन में कागज फाड़ता है.
टीएमसी सांसद शांतनु सेन की बदसलूकी पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि टीएमसी की बंगाल में हिंसा की संस्कृति है और वो ही संस्कृति वो संसद में लाने की कोशिश कर रहे हैं. राज्यसभा में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) से बदसलूकी करने के मामले में टीएमसी सांसद शांतनु सेन (Shantanu Sen) को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है. शुक्रवार को सदन में प्रस्ताव पारित होने के बाद राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सांसद शांतनु सेन को इस बाकी बचे पूरे सत्र के लिए सस्पेंड किया जाता है.
टीएमसी सांसद शांतनु सेन की बदसलूकी पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि टीएमसी की बंगाल में हिंसा की संस्कृति है और वो ही संस्कृति वो संसद में लाने की कोशिश कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर जिस तरह की हिंसा की है, उसी संस्कृति को आज वो संसद में ला रहे हैं.
सांसद शांतनु सेन को इस सत्र के लिए निलंबित किया जाता है: राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू #MonsoonSession pic.twitter.com/tsiwBK07k2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2021
विपक्ष सड़क पर सिर फोड़ता है और सदन में कागज फाड़ता है- अनुराग ठाकुर
वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्ष सड़क पर सिर फोड़ता है और सदन में कागज फाड़ता है. सवाल उठाते हैं, लेकिन जवाब सुनने को तैयार नहीं होते. साथ ही कहा कि कल की घटना लोकतंत्र को शर्मसार करती है. इसके अलावा पूछा कि विपक्ष चर्चा से क्यों भाग रहा है.
TMC की बंगाल में हिंसा की संस्कृति है और वो ही संस्कृति वो संसद में लाने की कोशिश कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में भाजपा के कार्यकर्ताओं पर जिस तरह की हिंसा की है, उसी संस्कृति को आज वो संसद में ला रहे हैं: अश्विनी वैष्णव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री pic.twitter.com/sycUSsZ27e
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2021
राज्यसभा में गुरुवार को सूचना तकनीकी मंत्री अश्विनी वैष्णव जब पेगासस पर स्टेटमेंट देने के लिए खड़े हुए तो टीएमसी के सांसद शांतनु सेन ने उनके हाथ से पेपर छीनकर फाड़ा और उपसभापति की तरफ उछाल दिया, जिसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ. मामला इस कदम बिगड़ गया कि सासंदों को रोकने के लिए सदन में तैनात मार्शलों को भी दखल देना पड़ा.