भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने शुक्रवार को राहत भरी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन के टीके कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं.
देश में चल रहे कोरोना टीकाकरण के बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने शुक्रवार को राहत भरी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन के टीके कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं. आईसीएमआर के मुताबिक अब तक दुनिया के 12 देशों में कोविड का डेल्टा प्लस वेरिएंट मिल चुका है। वहीं, हमारे देश में अब तक 48 मामलों की पहचान हो चुकी है.
डॉ भार्गव ने कहा कि कोविड की वैक्सीन गर्भवती महिलाओं को भी दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस में भी इसका जिक्र किया गया है. भार्गव के मुताबिक जिस तरह से हमने कोरोना वायरस के दूसरे वेरिएंट्स को टेस्ट किया, उसी तरह डेल्टा प्लस पर भी रिसर्च की जा रही है. माना जा रहा है कि इसके परिणाम भी अगले सात से 10 दिनों में आ जाएंगे.
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बच्चों को वैक्सीन देने का समय : ICMR DG
बच्चों को वैक्सीन देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अमेरिका ही ऐसा देश है जो इस समय बच्चों को वैक्सीन दे रहा है. क्या बहुत छोटे बच्चों को कभी टीके की आवश्यकता होगी, यह अभी भी एक प्रश्न है। जब तक हमारे पास बाल टीकाकरण पर अधिक डेटा नहीं होगा, हम बड़े पैमाने पर बच्चों का टीकाकरण करने की स्थिति में नहीं होंगे. हालांकि, हमने 2-18 साल के बच्चों पर एक छोटा सा अध्ययन शुरू किया है और परिणाम सितंबर या उसके बाद हमारे पास आएंगे.
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