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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को मोदी सरकार 2.0 के कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश करेंगी. चूंकि इस साल चुनाव हैं, इसलिए अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार का विजन इस बजट में रखा जाएगा. हालांकि, इसके बावजूद जनता को उम्मीद है कि इस बार कई चीजें सस्ती हो जाएंगी. वहीं, कई अन्य सेक्टरों ने भी सरकार से टैक्स में छूट की मांग की है, जिससे आम जनता को भी राहत मिल सकती है.
रत्न एवं आभूषण उद्योग ने अंतरिम बजट में सोने के आयात पर मूल सीमा शुल्क में वृद्धि को वापस लेने का अनुरोध किया है और एक तर्कसंगत कर संरचना लागू करने की मांग की है. उद्योग संगठन ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के अध्यक्ष संयम मेहरा ने कहा, आभूषण उद्योग भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग सात प्रतिशत का योगदान देता है.
पूंजीगत व्यय की घोषणा
इस्पात निर्माताओं को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 के आम बजट में बुनियादी ढांचे पर खर्च, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के उपाय और बढ़ते आयात पर अंकुश लगाया जाएगा. वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की घोषणा की थी.
घटकों और पार्ट्स पर आयात
सरकार ने बुधवार को ही बड़ा ऐलान किया है. ये घोषणा मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है. भारत सरकार ने मोबाइल फोन के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले घटकों और पार्ट्स पर आयात शुल्क कम कर दिया है. अब मोबाइल पार्ट्स पर आयात शुल्क 15 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है.
मंत्रालय की सिफारिश
वहीं सरकार मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए कई चीजों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है. बताया गया है कि इनमें लग्जरी आइटम से लेकर इलेक्ट्रॉनिक, एविएशन और स्पोर्ट्स सेक्टर तक शामिल हैं. बताया गया है कि मंत्रालय की सिफारिश के बाद वित्त मंत्री ने इसकी सूची भी तैयार कर ली है. इससे आने वाले समय में देश में बनी चीजों को ही बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.
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