खरगे ने अडानी की बात को निशाने बनाते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसकी संपत्ति ढ़ाई साल में 13 गुना बढ़ गई. 2014 में 50,000 करोड़ की थी वह 2019 में एक लाख करोड़ की हो गई.
बजट सत्र के दौरान संसद में अडानी समूह के मुद्दे पर विवाद जारी है. विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. खासतौर पर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मोदी पर तीखा हमला बोलने से नहीं चूक रही है. कल सदन में राहुल गांधी केंद्र पर जमकर बरसे थे. अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी सरकार पर जोरदार हमला बोला है. संसद में चल रहे हंगामे के बीच कुछ हुल्के फुल्के पल भी देखने को मिलें.
मुझे लगता है कि आप मुझ पर ही जेपीसी बिठा दोगे; धनकड़
दरअसल, खरगे ने सभापति जगदीप धनखड़ के सामने राज्यसभा में एक किस्सा सुनाया था, खरगे ने कहा, "जब आप शुरू में वकालत करते थे. आपने कहा था कि हाथ से पैसे गिनना. जब इनकी वकालत आगे बढ़ी तो इन्होंने मशीन खरीदी और इससे पैसे गिनने लगे" कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के इतना कहते ही सभापति ने फौरन जवाब दिया कि ऐसा मैंने नहीं कहा था... मुझे लगता है कि आप मुझ पर ही जेपीसी बिठा दोगे. सभापति के इतना कहते ही सदन में ठहाके लगने लगे. पीएम मोदी भी इस दौरान अपनी हंसी नहीं रोक पाए और हंस पड़े.
कांग्रेस अध्यक्ष ने दागे कई सवाल
खरगे ने अडानी की बात को निशाने बनाते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसकी संपत्ति ढ़ाई साल में 13 गुना बढ़ गई. 2014 में 50,000 करोड़ की थी वह 2019 में एक लाख करोड़ की हो गई. अचानक ऐसा क्या जादू हुआ कि दो साल में 12 लाख करोड़ बढ़ गई. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट तो है ही जिसे वे (BJP) नहीं मानते हैं. हम चाहते हैं कि इस पूरे मामले को लेकर जेपीसी की जांच बिठाई जाए.
प्रधानमंत्री को बदनाम कर रहे हैं; धनखड़
हालांकि, खरगे द्वारा पीएम पर आरोप लगाने के बाद उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, "आप प्रधानमंत्री को बदनाम कर रहे हैं, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती. दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी रिपोर्ट को यहां नहीं दिखाया जा सकता."
पब्लिक सेक्टर को मजबूत करना चाहिए; खरगे
खरगे यहीं नहीं रुके उन्होंने पूछा की देश में इस वक्त 30 लाख पद खाली हैं. सरकार इनमें भर्तियां क्यों नहीं कर रही है? आपको पब्लिक सेक्टर को मजबूत करना चाहिए जहां 10 लाख लोग काम कर रहे हैं, लेकिन आप अडानी जैसे निजी संस्थान में पैसा डाल रहे हैं जहां सिर्फ 30 हजार लोग काम करते हैं.
क्या होती है जेपीसी कमेटी?
जेपीसी यानी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी संसद की वह समिति होती है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों की समान भागीदारी होती है. इसमें राज्यसभा से जितने सदस्य होंगे, उसके दोगुने लोकसभा से होंगे. इस समिति में अलग-अलग दलों से चुने हुए प्रतिनिधियों का अनुपात सदन में उनकी संख्या के अनुपात के आधार पर होता है. जेपीसी किसी मुद्दे पर बारीकी से जांच और छानबीन करती है. जांच के बाद जो भी निष्कर्ष देती है या जो भी सिफारिशें करती हैं, उसे सरकार महत्वपूर्ण मानती है. यही कारण है कि घोटालों या किसी विवादित मुद्दे पर जेपीसी की मांग की जाती है.