नैनीताल में वीरभट्ट पुल अचानक से लैंडफॉल बनाने लगा और यह पहाड़ी से मालवा रोड पर काफी दूर तक आने लगा. इस बीच, एक केएमओयू बस भूस्खलन की चपेट में आने से बाल-बाल बच गई
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने कहर बरपा रखा है. दरअसल, जगह-जगह भूस्खलन की खबरें आ रही हैं. आप सभी को बता दें कि पिछले शुक्रवार 20 अगस्त को नैनीताल में वीरभट्ट पुल अचानक से लैंडफॉल बनाने लगा और यह पहाड़ी से मालवा रोड पर काफी दूर तक आने लगा. इस बीच, एक केएमओयू बस भूस्खलन की चपेट में आने से बाल-बाल बच गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बस में सवार यात्रियों को जान बचाने के लिए खिड़कियों से कूदते देखा गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक भूस्खलन के चलते अल्मोड़ा, बागेश्वर समेत कुमाऊं का हल्द्वानी से संपर्क टूट गया है. हल्द्वानी और काठगोदाम के पास पुलिस ने भारी वाहनों को रोक दिया है.
अब मास के नीचे गिरने का एक वीडियो है जो आप देख सकते हैं. पिछले शुक्रवार की सुबह से हो रही बारिश से पुल के पास लगातार मिट्टी और पत्थर गिर रहे थे, लेकिन अचानक शाम करीब 5 बजे पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और पेड़ गिरने लगे. इस बीच भवाली से हल्द्वानी आ रही केएमओयू बस भी यहां पुल पार करने का प्रयास कर रही थी. यह सब देख लोगों ने शोर मचाया और बस चालक को चेतावनी दी. इस बीच, जब तक चालक ने बस को रोका और उसका समर्थन किया, तब तक पहाड़ी से मलबा गिरने लगा. इसी दौरान मलबे को गिरते देख यात्री घबरा गए और जान बचाने के लिए बस से कूद गए.
इस मामले में जूलीकोट चौकी प्रभारी जोगा सिंह का कहना है, ''भूस्खलन के खतरे को देखते हुए सड़क पर यातायात पूरी तरह से रोक दिया गया है. भारी वाहनों को गुजरने से पूरी तरह रोक दिया गया है. रानीबाग से छोटे वाहन भेजे जा रहे हैं. शेष कुमाऊं जिलों में नैनीताल के माध्यम से आवश्यक सेवाएं भेजी जाएंगी.'' वहीं मौसम विभाग ने 24 अगस्त तक पूरे उत्तराखंड में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.