संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को कहा कि वह किसानों की लंबित मांगों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखेगा और संसद में कृषि कानूनों को वापस लेने का इंतजार करेगा.
संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को कहा कि वह किसानों की लंबित मांगों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखेगा और संसद में कृषि कानूनों को वापस लेने का इंतजार करेगा. किसान संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर तक अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे. तय हुआ कि वे सोमवार को लखनऊ महापंचायत में अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे. प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद किसान संघों के अंब्रेला बॉडी की यह पहली जनसभा होगी.
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सिंघू सीमा पर कोर कमेटी की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, “हम पीएम को एक खुला पत्र लिखेंगे जहां हम एमएसपी को वैधानिक दर्जा देने पर बनने वाली समिति पर स्पष्टीकरण मांगेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने शुक्रवार के संबोधन में समिति के अधिकारों, कर्तव्यों और समय-सीमा के बारे में स्पष्ट नहीं किया था. श्री राजेवाल ने कहा “इसके अलावा हम आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने, जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा, बिजली विधेयक 2020 पर चर्चा और गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की भी मांग करेंगे,”
श्री राजेवाल ने कहा कि किसान संगठन की अगली बैठक 27 नवंबर को होनी है, जिसमें भविष्य के बारे में निर्णय लिया जाएगा.