रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा-पाठ का महत्व

हर सुबह प्रकाश लाने वाले सूर्य को हिंदू धर्म में देवता माना जाता है. भक्त सूर्य देव के संबोधन से उनकी पूजा करते हैं.

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हर सुबह प्रकाश लाने वाले सूर्य को हिंदू धर्म में देवता माना जाता है. भक्त सूर्य देव के संबोधन से उनकी पूजा करते हैं. रोज सुबह उन्हें जल चढ़ाकर उनकी पूजा की जाती है. वैसे तो सप्ताह के सातों दिन सूर्य की पूजा करना शुभ माना जाता है, लेकिन रविवार के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना बहुत शुभ माना जाता है. पुराणों में माना जाता है कि सूर्य अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर चलता है और एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश भी करता है. हर राशि में इनका प्रभाव अलग-अलग माना जाता है. लेकिन रविवार के दिन सभी भक्त कुछ विशेष मंत्रों के जाप और पूजा से उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं.

ऐसे करें पूजा

सुबह जल्दी स्नान कर सूर्य देव की पूजा के लिए तैयार हो जाएं. स्वच्छ वस्त्र और शुद्ध मन से भगवान सूर्य देव का स्मरण करें. ऐसा कहा जाता है कि सूर्य देव को दीर्घा या आंगन जैसी खुली जगह से अर्घ्य देना चाहिए. ऐसा करते समय आपका मुख पूर्व की ओर होना चाहिए, जिस दिशा से सूर्य देव उदय होते हैं. भगवान सूर्य को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
सूर्य अर्घ्य मंत्र

अहि सूर्य देव सहस्रंशो तेजो राशि जगतपट्टे

अनुकंपा माँ भक्त गृहनार्द्य दिवाकर:

Om सूर्य नमः, Om आदित्याय नमः, Om नमो भास्कराय नमः

अर्घ्य समरपयामी

सूर्य देव की पूजा का महत्व

भगवान सूर्य देव एक ऐसे देवता हैं जो नियमित रूप से साक्षात दर्शन देते है. ज्योतिषियों की मानें तो करियर और कारोबार में उन्नति और प्रगति के लिए सूर्य का मजबूत होना जरूरी है. सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए रविवार के दिन पूजा-पाठ करने और मंत्र जाप से वे शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं.

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