सोमवार को तुर्की और सीरिया में भूकंप आया था उससे अब हालात अब बिगड़ते जा रहे हैं। दोनों देशों में मरने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 11 फरवरी के दिन मरने वाले लोगों की संख्या 26 हजार के पार पहुंच गई है।
सोमवार को तुर्की और सीरिया में भूकंप आया था उससे अब हालात अब बिगड़ते जा रहे हैं। दोनों देशों में मरने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 11 फरवरी के दिन मरने वाले लोगों की संख्या 26 हजार के पार पहुंच गई है। तुर्की में स्थिति काफी बिगड़ गई है। कब्रिस्तान में शव दफनाने के लिए भी जगह नहीं है। शनिवार को राहत बचाव कार्य के दौरान एक भारतीय का भी शव मिला है।
हालात इतने खराब है कि सीरिया में शवों को दफनाने की भी जगह नहीं है। अस्थाई कब्रिस्तान बनाकर उन्हें दफनाने की व्यवस्था की जा रही है। खतरनाक ठंड के बीच तुर्की और सीरिया में भूकंप पीड़ितों को बचाने का काम किया जा रहा है। द गर्डियन के अनुसार, सीरियाई सीमा पर तुर्किए (तुर्की) के गाजियांटेप में नूर्डागी कब्रिस्तान में जल्द ही मृतकों के लिए और जगह नहीं होगी।
मृत शख्स की हुई पहचान
वहीं, हादसे में मरने वाले एकमात्र भारतीय शख्स का नाम विजय कुमार है, जिनका शव शनिवार की सुबह पूर्वी अनातोलिया क्षेत्र के मालट्या शहर में 24 मंजिला होटल के मलबे के चीजे मिला। उत्तराखंड में उनके परिवार के सदस्यों ने बचाव स्थल से भेजी गई तस्वीरों से कुमार के बाएं हाथ पर बने टैटू से उनके शरीर की पहचान की। वो शख्स 23 जनवरी से मध्य फरवरी तक एक परियोजना कार्य के लिए ठहरे हुए थे।
एनडीआरएफ और सेना की टीमें तुर्की पहुंची
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा का इस मामले में कहना था, “हमारे पास एक भारतीय नागरिक लापता है, जो माल्टा में तुर्की की व्यापारिक यात्रा पर था और पिछले दो दिनों से उसका पता नहीं चल पाया है। हम उनके परिवार और बेंगलुरु में कंपनी के संपर्क में हैं, जो उन्हें रोजगार देती है। बचाव मिशन और चिकित्सा सहायता में मदद करने के लिए, भारत ने ऑपरेशन दोस्त - एक मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) मिशन शुरू किया था - आपदा के कुछ घंटों के भीतर एनडीआरएफ और सेना की टीमें तुर्की पहुंच गईं।