बढ़ रहा है ग्लोबल वार्मिंग का खतरा, सिर्फ प्रदुषण ही नहीं खान-पान भी है इसका ज़िम्मेदार

पृथ्वी के लगभग 40 प्रतिशत हिस्से पर खेती होती है और हम मांस खाते हैं और पौधे पर आधारित खाना खाते हैं, तो हमें लगभग 42 प्रतिशत कम फसल की जरूरत पड़ेगी।

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ग्लोबल वार्मिंग की समस्या हर दिन के साथ बढ़ रही है जिसके कारण से पृथ्वी पर खतरा बढ़ रहा है. पर क्या आप जानते हैं कि प्रदुषण के अलावा हमारा खान पान भी कहीं न कहीं ग्लोबल वार्मिंग का कारण है.  जहां एक तरफ दुनिया भर के लोगों ने अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए और दूरगामी परिणाम का ख्याल करते हुए हरी सब्ज़ियां आदि का सेवन करना शुरू कर दिया है. लेकिन ये सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि आपकी जलवायु आदि के लिए लाभदायक हो सकता है. सेहत को बढ़ाने के अलावा पृथ्वी को आगे ले जाने के  लिए भी पौधे आधारित आहार बहित अच्छा है। क्या आपको पता है कि मांस और डेयरी प्रोडक्ट्स की खपत हमारे ग्लोबल वार्मिंग के मुख्य कारणों में से एक है, जिसके चलते ये और भी भयानक रुप ले सकता है।


1. पानी बचाओ

आप मांस  खाना ज्यादा पसंद करते हैं तो आप एक दिन में कम से कम  15 हजार लीटर पानी खर्च करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। अगर आप मांस खाना कम कर देते हैं तो 60 % पानी की बचत हो सकेगी। इसके जरिए  आप अंदाज़ा लगा सकते हैं। कि इससे क्या असर पड़ रहा है।


2. एग्रीकल्चर लैंड का इस्तेमाल कम 

पृथ्वी के कम से कम 40 % हिस्से पर खेती होती है और हम मांस का सेवन करते हैं और पौधे से बना खाना खाते हैं, तो ऐसे में कम से कम 42 % कम फसल की आवश्यकता पड़ेगी।


3. ग्रीनहाउस गैस के फैलाव में कमी करना

ग्रीनहाउस गैस के फैलवा का 30 % हिस्सा सिर्फ खाद्य उत्पादन से जुड़ा हुआ है जो कि ज्यादातर पशु उत्पादों पर बसा है। संयंत्र आधारित आहार पर जाना ग्रीनहाउस गैस के फैलाव को काम करना है।


4. जान बचाओ

ये पूरी तरह से सच है कि मांस को ज्यादा खाने से सेहत से जुड़ी परेशानी बढ़ सकती है और इतना ही नहीं पुरानी बीमारी को भी बढ़ने में मदद मिल सकती है। ऐसे जानवरों की बजाए आप पौधों का इस्तेमाल अपने खाने में करें। क्योंकि ऐसा करके बीमरियों से होने वाली मौतों को रोक जाने का प्रयास किया जा सकता है। 

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