Hindi English
Login

धंस रही है दिल्ली की धरती, अंतरराष्‍ट्रीय अध्ययन में हुआ बड़ा खुलासा

अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली में पानी की कमी के कारण जमीन धंस रही है, जो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है.

Advertisement
Instafeed.org

By Instafeed | खबरें - 18 January 2022

देश की राजधानी दिल्ली में जमीन के नीचे बढ़ती पानी की किल्लत एक बड़ा संकट खड़ी कर सकती है. एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन से पता चला है कि आपको दांतों के नीचे अपनी उंगलियां दबाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली में पानी की कमी के कारण जमीन धंस रही है, जो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है.

ये भी पढ़ें:- Punjab Vidhansabha Election: AAP ने भगवंत मान को चुना मुख्यमंत्री उम्मीदवार

शोधकर्ताओं ने सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल करते हुए पाया है कि देश की राजधानी के करीब 100 वर्ग किलोमीटर के इलाके का पानी में डूबने का बड़ा खतरा है. इनमें से 12.5 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र कापसहेड़ा में है, जो IGI एयरपोर्ट से महज 800 मीटर की दूरी पर है. 

ये भी पढ़ें:- उन्मुक्त चंद ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग में खेलने वाले पहले भारतीय पुरुष क्रिकेटर बने

IIT बॉम्बे, जर्मन रिसर्च सेंटर ऑफ जियोसाइंसेज एंड कैम्ब्रिज और अमेरिका के दक्षिणी मेथोडिस्ट यूनिवर्सिटीज के एक संयुक्त अध्ययन में कहा गया है कि एयरपोर्ट पर ग्राउंड सबसिडेंस के कवरेज में तेजी से बढ़ोतरी के कारण ऐसा लगता है कि जल्द ही एयरपोर्ट भी इसकी चपेट में आ जाएगा.

ये भी पढ़ें:- Vacancy: सेंट्रल रेलवे अपरेंटिस की 2400 से ज्यादा वैकेंसी, 10वीं पास और ITI वाले कर सकते हैं आवेदन

भूजल के सतत उपयोग के निहितार्थ शीर्षक वाली अध्ययन रिपोर्ट प्रतिष्ठित पत्रिका नेचर में प्रकाशित हुई है. इस अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2014 से 2016 के बीच धरती हर साल 11 सेंटीमीटर की दर से डूब रही थी, जो अगले दो साल में करीब 50 फीसदी बढ़कर 17 सेंटीमीटर सालाना हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार, हवाई अड्डे के पास कापसहेड़ा क्षेत्र की स्थिति संवेदनशील क्षेत्रों में सबसे अधिक चिंताजनक है क्योंकि यहां जलमग्न होने की दर बहुत अधिक है.

Advertisement
Advertisement
Comments

No comments available.