यूपी में फिर मिला ब्लैक फंगस का मरीज़ : कानपुर में रोगी हैलट अस्पताल में भर्ती, तीसरी लहर में सामने आया पहला मामला

कोरोना वायरस से संक्रमित ब्लैक फंगस का पहला मरीज़ सोमवार को कानपुर के हैलट में भर्ती हुआ है. रोगी की एक आंख और नाक में ब्लैक फंगस का संक्रमण फैल चुका है

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कोरोना वायरस से संक्रमित ब्लैक फंगस का पहला मरीज़ सोमवार को कानपुर के हैलट में भर्ती हुआ है. रोगी की एक आंख और नाक में  ब्लैक फंगस का संक्रमण फैल चुका है. कोरोना वायरस की थर्ड वेव में कोविड संक्रमण के साथ ब्लैक फंगस का यह पहला मरीज़ मिला है. जबकि ब्लैक फंगस के एक -आध मरीज़ पूरे साल अस्पताल में आया करते हैं. लेकिन वर्तमान में कोरोना संक्रमित छह रोगी हैलट अस्पताल में और दो कांशीराम हॉस्पिटल में भर्ती हुए हैं.

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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने जानकारी दी है कि 45 वर्षीय मरीज़ कैंट क्षेत्र का रहने वाला है. इस रोगी को डायबिटीज भी है. और मरीज़ की आंख में तकलीफ है. जांच में यह कोरोना संक्रमित पाया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि डायबिटीज की कारण उसे ब्लैक फंगस जल्दी हो गया. रोगी को ब्लैक फंगस वार्ड में भर्ती करके इलाज शुरू कर दिया गया है. अभी हैलट अस्पताल में कोरोना संक्रमित कोई भी मरीज वेंटिलेटर पर नहीं है. दो रोगियों को ऑक्सीजन पर रखा गया है और एक मरीज़ को हेपेटाइटिस है.

संक्रमण का फैलाव एक के बाद दूसरे मोहल्ले को अपनी गिरफ्त में ले रहा है 

कानपुर में कोरोना संक्रमण इस कदर फैल रहा है कि एक के बाद दूसरे मोहल्ले को भी अपनी गिरफ्त में ले रहा है. संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है तो तेजी के साथ स्वस्थ भी हो रहे हैं. आईआईटी, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और दूसरे शिक्षण संस्थानों समेत कोरोना का संक्रमण विभिन्न क्षेत्रों में फैलता जा रहा है. यहां लगातार कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 7010 कोरोना संदिग्धों की सैंपलिंग की

रविवार को मिले संक्रमित मरीजों में कुछ जूनियर डॉक्टर भी शामिल हैं. संक्रमितों में बूढ़े, बड़े, बच्चे और महिलाएं सभी हैं. अधिकतर लोगों का इलाज होम आइसोलेशन में चल रहा है. संक्रमितों को हैलट और मान्यवर कांशीराम अस्पताल में भर्ती भी किया जा रहा है. अधिकतर रोगियों को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 7010 कोरोना संदिग्धों की सैंपलिंग की है. सैंपल आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजे गए हैं. साथ ही जो कोरोना पॉजिटिव आए हैं, उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जा रही है.

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