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सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) की डेली कोल स्टॉक रिपोर्ट में कहा गया है कि 165 थर्मल पावर प्लांटों में से 56 में 10 फीसदी या उससे कम कोयला बचा है और कम से कम 26 के पास 5 फीसदी से कम स्टॉक है. कोयला भारत की बिजली की 70 प्रतिशत मांग को पूरा करता है.
आंकड़ों में कहा गया है कि रेलवे ने कोयले की लदान बढ़ा दी है, जो प्रतिदिन औसतन 400 है. यह पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा है. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने एक दिन में कोयले के लिए 533 रेक तैनात किए हैं, जो पिछले साल की तुलना में 53 अधिक है. गुरुवार को 427 रेक में 1.62 मिलियन टन कोयला लोड किया गया था.
कुशासन और कुप्रबंधन के कारण यह संकट पैदा हुआ है: कांग्रेस
देश के बड़े हिस्से लंबे समय से बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि भीषण गर्मी में यह संकट केंद्र सरकार के कुप्रबंधन और कुप्रबंधन के कारण पैदा हुआ है. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश भर के बिजली संयंत्रों को कोयला उपलब्ध नहीं करा रही है, जिससे बिजली संकट पैदा हो रहा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है और देश की तमाम समस्याओं के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहरा रही है.
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