13 मंजिल के इस मंदिर के दर्शन तंजोर के किसी भी हिस्से से किए जा सकते हैं, इसकी ऊंचाई 216 फुट।
भारत में कई ऐसे अद्भुत नज़ारे हैं जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है। इसके अलावा कई ऐसे स्थान भी हैं जहां वास्तुकला का अद्भुत नमूना देखने को भी मिलता है। हमारे इतिहास में ऐसी बहुत सी इमारतें बनाई गई हैं जो देखने में बहुत ही खूबसूरत तो है ही साथ ही उतनी ही अच्छी कारीगरी भी इनमे की गयी है जिन्हें देखकर आप दंग रह जाएंगें। हम यहां आपको आज ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो देखने में बहुत ही आकर्षक है साथ ही उससे जुड़ी जानकारियां भी बेहद ही रोचक हैं। हम बात कर रहे हैं वास्तुकला के बेजोड़ नमूने बृहदेश्वर मंदिर की। तो चलिए आपको बताते हैं इससे जुडी रोचक जानकारियां।
- देश के सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है बृहदेश्वर मंदिर, कलाकारी का अद्भुत नमूना है ये मंदिर
- तमिलनाडु के तंजोर में है स्थित, 11वीं सदी में इसे बनाने की हुई थी शुरुवात
- राजराज चोल प्रथम द्वारा करवाया गया था मंदिर का निर्माण, बहुत ही अद्भुत है इसकी कारीगरी
- इस मंदिर की सबसे अनोखी बात है इसके शिखर का निर्माण, सूरज के चारों ओर घूमने पर भी जमीन पर नहीं पड़ती शिखर की परछाई
- मंदिर के इस खूबसूरत शिखर का निर्माण 88 टन के एक पत्थर से करवाया गया, उसके ऊपर रखा है एक स्वर्ण कलश
- इस मंदिर में बने खम्बों और पत्थरों को चिपकाया नहीं गया है बल्कि पत्थरों काटकर एक दुसरे के साथ जोड़ा गया है इन्हें नहीं किया सकता अलग
- लगभग 130,000 टन ग्रेनाइट से किया गया है इस मंदिर का निर्माण
- इस मंदिर के हिस्सों को जोड़ने के लिए चूने या सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है
- इस मंदिर के शीर्ष पर लगभग 80 टन के वजन भारी पत्थर रखा हुआ है
- मंदिर में 25 टन की विशाल नंदी की प्रतिमा भी बनी हुई है, एक पत्थर को तराशकर बनाई गई है प्रतिमा
- नंदी की ये प्रतिमा करीब 12 फुट लम्बी, 12 फुट चौड़ी और 19 फुट ऊंची है
- 13 मंजिल के इस मंदिर के दर्शन तंजोर के किसी भी हिस्से से किए जा सकते हैं, इसकी ऊंचाई 216 फुट
- मंदिर के प्रवेश पर ही स्थित है विशालकाय शिवलिंग, लगभग 13 फुट की है ऊंचाई, एक पंचमुखी सर्प भी है स्थित
- ये बेहद ही सुंदर और खूबसूरत मदिर बिना नींव के हज़ारों वर्षों से है स्थित