ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए अगले आदेश तक शिवलिंग के स्थान को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है.
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ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए अगले आदेश तक शिवलिंग के स्थान को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है. हिंदू पक्ष ने अपने आवेदन में शिवलिंग की सुरक्षा की मांग की थी और आशंका व्यक्त की थी कि मस्जिद परिसर में शिवलिंग के आकार की आकृति के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है. कोर्ट के इस फैसले से हिंदू पक्ष को बड़ी राहत मिलती दिख रही है.
कोर्ट में केस दर्ज
1991 का विवाद ज्ञानवापी मस्जिद के अस्तित्व पर सवाल उठाता है. दरअसल 1991 में कोर्ट में केस दर्ज किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि जिस जगह पर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई है, वह काशी विश्वनाथ की जमीन है और इस जगह पर छोटे-छोटे मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है. अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से वरिष्ठ बकील हुजेफा अहमदी ने दलीलें पेश कीं. उधर, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने किसी हिंदू पक्ष की ओर से दलील दी. हिंदू पक्ष ने अपील की थी कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से जांच कराई जाए. हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 9 सितंबर 2021 को इस मामले में एएसआई के सर्वे पर रोक लगा दी थी.
हाईकोर्ट में चुनौती
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे का आदेश देने वाले वाराणसी सिविल कोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया था. अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट के दखल न देने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मस्जिद कमेटी ने अपने आवेदन में सिविल जज के तीन फैसलों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
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