OBC आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कहा: सामाजिक न्याय के लिए आरक्षण जरूरी

मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस, बीडीएस और सभी पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है.

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सुप्रीम कोर्ट का ओबीसी आरक्षण पर ऐतिहासिक फैसला सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि आरक्षण और मेरिट एक दूसरे के विपरीत नहीं हैं और सामाजिक न्याय के लिए आरक्षण जरूरी है. 

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मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस, बीडीएस और सभी पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है. कोर्ट का यह आदेश काफी पहले ही आया था लेकिन आज अदालत ने उस पर अपना विस्तृत फैसला सुनाया है.

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सामाजिक न्याय को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बात कही है. कोर्ट का कहना है कि आमतौर पर स्पेशलाइज्ड कोर्स में आरक्षण का विरोध किया जाता है. कहा जाता है कि ऐसे कोर्स में आरक्षण नहीं होना चाहिए. आरक्षण देने से मेरिट पर असर पड़ता है. लेकिन इस बात पर सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि मेरिट और आरक्षण एक दूसरे के विपरीत नहीं हैं और आरक्षण सामाजिक न्याय के लिए जरूरी है.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जहां कहीं भी कंपटीशन या एग्जाम से दाखिला होता है, उसमें सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन को नहीं देखा जाता है. कुछ समुदाय आर्थिक और सामाजिक तौर पर आगे होते हैं. एग्जाम में इस बात को नहीं देखा जाता. इसलिए मेरिट को सामाजिक ताने बाने के साथ देखा जाना चाहिए.

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